कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। ममता पर यह जुर्माना इसलिए लगाया गया, क्योंकि ममता ने चुनाव से संबंधित एक याचिका की सुनवाई से न्यायमूर्ति कौशिक चंदा को हटाने की मांग की थी। ममता ने जज चंदा पर भाजपा से ताल्लुक होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि 'न्यायमूर्ति चंदा की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वे भाजपा नेताओं के साथ नज़र आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें इस केस से हटाया जाना चाहिए।' इस पर अदालत ने बुधवार को कहा कि ममता ने न्यायपालिका की छवि धूमिल करने का प्रयास किया है। हालांकि न्यायमूर्ति चंदा ने खुद ही इस मामले से हटने फैसला ले लिया है। किन्तु इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि, 'यह समझ से परे है कि इस मामले में हितों का टकराव है। दिक्कतें पैदा करने वालों को विवाद जारी रखने का अवसर नहीं मिलना चाहिए। यदि केस के साथ अवांछित समस्या जारी रहती है तो यह यह न्याय के हितों के विपरीत होगा।' ये है मामला :- दरअसल, 2 मई को देश के 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के रिजल्ट जारी हुए थे। बंगाल में नंदीग्राम सीट पर ‌भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 1956 वोटों से हरा दिया था। परिणाम के दिन ही ममता ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की थी, जिसे चुनाव आयोग ने ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद चुनावी नतीजों के खिलाफ ममता कलकत्ता उच्च न्यायालय पहुँच गई थी। इस याचिका में उन्होंने शुभेंदु अधिकारी पर चुनाव में रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और धर्म के आधार पर वोट मांगने के इल्जाम लगाए थे और चुनाव रद्द करने की मांग की थी। वित्त मंत्री में ने कहा- "सहकारिता मंत्रालय सहकारिता आंदोलन के लिए..." ओडिशा सरकार ने एचएलसीए में 1.46 लाख करोड़ रुपये की पांच बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को किया पेश दिल्ली और कोलकाता में पेट्रोल के फिर बढे दाम, जानिए क्या है आज का रेट