नई दिल्ली: मणिपुर में गृहमंत्री अमित शाह ने 3 मई को हुई हिंसा के पश्चात् राज्य का दौरा किया था। उन्होंने अलग-अलग समुदायों के साथ बैठक कर प्रदेश में शांति बहाली की अपील की थी। हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया था। इधर मणिपुर के कुकी समाज के लोग दिल्ली में अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे व्यक्तियों का कहना है कि अमित शाह ने कहा था कि प्रदेश में शांति लौटेगी, इसलिए हम उनसे मिलने आए हैं। कुकी समाज के खिलाफ आज भी स्टेट फोर्स हिंसा कर रही है। इसीलिए शांति की मांग करते हुए हम गृह मंत्री से शांतिपूर्ण तरीके से मिलने आए हैं। इन प्रदर्शनकारियों में मणिपुर के कुकी, जोमी, हमार एवं मिजो समुदाय के लोग सम्मिलित हैं। इनका कहना है कि प्रदेश में हमारे परिवार के सदस्यों की प्रतिदिन हो रही हत्याओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। हम अपनी बहनों और दोस्तों से अपील करते हैं कि वे आएं तथा हमारे समुदाय पर किए गए अत्याचारों का विरोध दर्ज कराएं। मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी कैटेगरी में सम्मिलित करने की मांग तेज हो गई है। उच्च न्यायालय ने भी राज्य सरकार को इस मांग पर विचार करने का आदेश दिया है। प्रदेश के छात्र संगठन ने 3 मई को इसी मांग के खिलाफ मार्च निकाला था। ये मार्च चुरचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हुआ था। इस रैली में हजारों प्रदर्शनकारी सम्मिलित हुए थे। इसी के चलते आदिवासियों एवं गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा आरम्भ हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से मदद मांगी। बाद में सेना एवं पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया। भूकंप के झटकों से डोली राजस्थान की धरती शादी के 10 दिन बाद ही दुल्हन ने दे दिया बच्चे को जन्म, मचा बवाल हल्द्वानी में ट्रेन के नीचे शख्स ने फेंका गैस सिलेंडर, पुलिस ने की वीडियो ना शेयर करने की अपील