इम्फाल: शुक्रवार (7 सितंबर) को मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कुमाम में संदिग्ध कुकी आतंकवादियों द्वारा एक लंबी दूरी का 'क्रूड रॉकेट' दागा गया, जो पूर्व मुख्यमंत्री एमसी कोइरेंग के आवास पर गिरा। इस हमले में एक 70 वर्षीय पुजारी, आरके रबेई, की मौत हो गई और पांच अन्य लोग घायल हो गए। मृतक पुजारी मोइरांग फीवांगबाम लीकाई के निवासी थे और उस समय प्रार्थना कर रहे थे। हमला तब हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर अस्थि समारोह की तैयारियां चल रही थीं। घायलों में एक 13 वर्षीय लड़की और अन्य वयस्क शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला कुकी सशस्त्र समूहों द्वारा किया गया था, जो मणिपुर में पिछले साल से चल रही हिंसा का हिस्सा है। यह पहली बार है जब मणिपुर में आतंकवादियों ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल किया। स्थानीय तौर पर बनाए गए इस रॉकेट की मारक क्षमता लगभग 10 किलोमीटर थी, और इसे कुकी बहुल चुराचांदपुर पहाड़ियों से लॉन्च किया गया था। रॉकेट का लक्ष्य पूर्व मुख्यमंत्री एमसी कोइरेंग का बिष्णुपुर के सेंद्रा में स्थित आवास था, जो मणिपुर के पहले मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग सिंह का घर भी है। यह जगह लोकतक झील के किनारे और आईएनए संग्रहालय से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे संदेह जताया जा रहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित इस संग्रहालय को भी निशाना बनाया जा सकता था। इस हमले के कुछ ही समय पहले मणिपुर में हिंसा फिर से भड़क उठी थी। शुक्रवार को यह राज्य में दूसरा रॉकेट हमला था, जिसमें ट्रोंगलाओबी में रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) का इस्तेमाल किया गया। इस हमले में निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। आरपीजी हमले के बाद सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण गोलीबारी हुई। यह घटना कुछ ही दिन बाद सामने आई जब कुकी उग्रवादियों ने इम्फाल पश्चिम जिले के मीतेई गांव पर ड्रोन से बम गिराए थे, जिसमें दो नागरिकों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। उग्रवादियों ने इस हमले के लिए एम्बुलेंस का उपयोग किया था और ड्रोन तथा लंबी दूरी की स्नाइपर राइफलों का भी इस्तेमाल किया था। देश की 120 ऐतिहासिक इमारतों पर वक्फ का दावा, किसने दी बोर्ड को इतनी ताकत बांग्लादेश में किस 'जाति' के हिन्दू अधिक मारे जा रहे? मोहम्मद यूनुस का बेशर्म बयान क्या जूनियरों का हक मारकर विनेश-बजरंग ने चला सियासी दांव? कांग्रेस पर उठते गंभीर सवाल