कुलभूषण जाधव मामले में अंतराष्ट्रीय कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा पर रोक लगा दी है. अंतराष्ट्रीय कोर्ट का यह फैसला भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा. वही पाकिस्तान इस फैसले से बौखलाया है और राजनयिकों से लेकर सैन्य एक्सपर्ट तक इसे अपनी सरकार की नाकामी मान रहे हैं. कुलभूषण मामले में लड़ाई लड़ने के लिए पाकिस्तान ने अपने वकीलों पर 7 करोड़ रुपए खर्च किए. वही दूसरी तरफ भारत का पक्ष रखने के लिए दुनिया में सबसे महंगे वकीलों में शुमार हरीश साल्वे ने इसके लिए सिर्फ 1 रु फीस ली है. लंदन में रहने वाले पाक मूल के एक वकील राशिद आलम का कहना है कि अंतराष्ट्रीय कोर्ट में पाकिस्तान की तैयारी कमजोर थी. अपना पक्ष रखने के लिए पाक वकील को 90 मिनट मिले लेकिन वो तर्कों का जवाब नहीं दे सके और उन्होंने 40 मिनट इधर-उधर की बाताें में गंवा दिए. वही अब पाकिस्तान में नवाज सरकार की कड़ी आलोचनाए की जा रही है. पाक वकीलों का कहना है कि अगर पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट का फैसला नहीं मानना था तो फिर उन्होंने अपने वकील को वह क्यों भेजा. पाकिस्तान ने वकील को इंटरनेशनल कोर्ट में भेजकर खुद अपने पेअर पर कुल्हाड़ी मार ली. पूर्व जर्मन राजदूत ने कहा, पाकिस्तान आग में घी न डाले पाक अगर जाधव केस में ICG का फैसला नहीं मानता तो फिर भारत के पास है मजबूत विकल्प