कर्नाटक का नाटक पता नहीं कब ख़त्म होगा. चुनाव से पहले से शुरू उठापटक अब भी जारी है जबकि सरकार बने को एक अरसा हो चुका है मगर अब भी सब कुछ ठीक नहीं लग रहा. अब एचडी कुमारस्वामी अपने उस बयान को खुद ही भूल गए जिसमे उन्होंने कहा था कि वह कांग्रेस की दया से मुख्यमंत्री बने हैं. अब उनका कहना है कि वह किसी की कृपा पर मुख्यमंत्री नहीं बने हैं ऐसा नहीं है कि किसी ने उन्हें सीएम की कुर्सी दान में दी हो. इसके बाद सियासी भूचाल स्वाभाविक था. इससे पहले कुमारस्वामी ने कहा था कि उनकी पार्टी जेडीएस ने विधानसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक की जनता से पूर्ण जनादेश मांगा था, जो नहीं मिला. इस वजह से आज वह कांग्रेस की कृपा पर मुख्यमंत्री बने हैं. कुमारस्वामी ने कहा, ‘मेरी पार्टी ने अकेले सरकार नहीं बनायी है. मैंने लोगों से ऐसा जनादेश मांगा था कि मुझे उनके अलावा किसी और के दबाव में नहीं आने दे. लेकिन मैं आज कांग्रेस की कृपा पर हूं. मैं राज्य के साढ़े छह करोड़ लोगों के दबाव में नहीं हूं.’ गौरतलब है कि जीत के सर्कस के बाद सरकार बनाने की माथा पच्ची, राज्यपाल की भूमिका, बीजेपी की चाल, विधायकों को बस में घूमना, फिर जैसे तैसे कुमार स्वामी को सीएम बनाना, कांग्रेस का मन मारना, फिर विभागों पर खींचातानी के बाद बयानबाजियां और अब ये सब फ़िलहाल जारी है. ऐसे में क्या कर्नाटक की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस नहीं कर रही होगी. जिससे विकास के कुछ वादे किये गए थे .मगर सरकार को खुद अभी समझ नहीं आ रहा है कि काम कब शुरू करना है. किसानों के कर्ज माफ़ी के लिए कर्नाटक सरकार जल्द करेगी ऐलान काँवेरी विवाद पर पिता की पुत्र को अमूल्य सलाह कर्नाटक: हज भवन के नाम को लेकर मंत्री का विवादित बयान, भाजपा ने जताया विरोध