किसानों की सिंचाई की समस्या में बाधक बन रही बिजली और बढ़ते डीजल के मूल्यों से निजात पाने के लिए सरकार एक अभिनव कुसुम योजना लेकर आई है , जिसमें किसानों को सौर ऊर्जा उपलब्ध कराई जाएगी.यह योजना देश में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है. इसकी घोषणा हाल ही में बजट के दौरान अरुण जेटली ने की थी. आपको बता दें कि इस योजना का पूरा नाम किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाअभियान (कुसुम) है. 2022 तक देश में तीन करोड़ पंपों को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने का लक्ष्य रखा गया है.कुसुम योजना की लागत 1.40 लाख करोड़ रुपये है . इसमें केंद्र सरकार 48 हजार करोड़ रुपये और इतनी ही राशि राज्य सरकारें देंगी. किसानों को कुल लागत का सिर्फ 10 फीसद ही देना होगा, वहीं करीब 45 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम बैंक ऋण से किया जाएगा. इस बारे में बिजली मंत्री आरके सिंह ने बताया कि योजना का प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया है .इस योजना के पहले चरण में डीजल से चल रहे 17.5 लाख सिंचाई पंपों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा. यह योजना किसानों को दोहरा लाभ देगी.मुफ्त में सिंचाई के लिए बिजली मिलने के अलावा किसान अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजेंगे तो उसकी भी कीमत किसानों को मिलेगी.इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के बाद अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा.इस योजना से 28 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा. यह भी देखें एमपी में किसानों का अनोखा आंदोलन किसानों के नाम पर BJP नेताओं की मौज, 'किसान' बन करेंगे विदेश की सैर