नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से देशभर में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने का किराया रेलवे राज्य सरकारों से वसूल करेगा. रेलवे की तरफ से शुक्रवार को जारी किए गए एक आदेश में इस बात का जिक्र किया गया है. जिस ट्रेन से प्रवासी मजदूरों को पहुँचाया जाएगा उसे श्रमिक स्पेशल नाम दिया गया है. इसमें यात्रा करने के किराए में स्लीपर क्लास के टिकट मूल्य, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और 20 रुपये भोजन-पानी के शामिल होंगे. रेलवे ने साफ़ किया है कि यात्रियों को अपने पास से कुछ भी खरीदने की आवश्यकता नहीं, उनके खर्च का वहन राज्य सरकारें करेंगी. पूरे महीने तक सेवाएं निलंबित रहने के बाद रेलवे ने पहली यात्री ट्रेन इन मजदूरों के लिए शुक्रवार को हैदराबाद से झारखंड के लिए सुबह साढ़े चार बजे चलाई थी, जिसमें कुल 12,00 लोग सवार थे. रेलवे ने अन्य पांच ट्रेन के कार्यक्रम भी निर्धारित किए हैं. ये ट्रेन नासिक से लखनऊ, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटन और कोटा से हटिया तक की यात्रा तय करेंगी. प्रत्येक ट्रेन में एक हजार से 12 सौ के बीच लोग सवार होंगे. आपको बता दें कि राजस्थान, झारखंड, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना ने मजदूरो के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का आग्रह किया था. ट्रेन और फ्लाइट में यात्रा के लिए अनिवार्य हो सकता है Aarogya Setu ऐप RIL को एक साल में हुआ 40 हज़ार करोड़ का प्रॉफिट, फिर भी वेतन कटौती से बचाएगी 600 करोड़ तेल की कीमतें पाताल में, लेकिन ईंधन स्टोर करने वाले टैंकरों के भाड़े आसमान पर