चंडीगढ़: पंजाब के लुधियाना लूट मामले में पुलिस ने मुख्य मास्टरमाइंड को अरेस्ट कर लिया है. मेन मास्टरमाइंड की शिनाख्त मनदीप कौर उर्फ मोना के रूप में की गई है. गिरफ्तार की बाद अब पुलिस की पड़ताल में कई चौंकाने वाली बात सामने आई है. मोना ने 8.49 करोड़ रुपए की लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद हेमकुंड साहिब में दर्शन करने गई थी. यहां से वापस लौटते समय ही वो पुलिस के हत्थे चढ़ी. इस डकैती और कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी देते हुए लुधियान पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया है कि आरोपियों की इच्छा थी कि डकैती सफल होने के बाद वो केदारनाथ, हरिद्वार और हेमकुंड साहिब में मत्था टेकें. सिद्धू के अनुसार, जब मोना और उसके पति को मालूम हुआ कि उसके कुछ सहयोगियों की गिरफ्तारी हो गई है, तो उन्होंने इसके लिए हेमकुंड साहिब में माफी मांगी थी. बता दें कि, मनदीप सिंह कौर जो कि लुधियाना में एक बीमा एजेंट और एक वकील के असिस्टेंट के तौर पर काम करती थी. कुछ पैसों के लिए वो कोर्ट में अक्सर काले कोर्ट में दलाली का कार्य भी करती थी. वकील नहीं होने के बाद भी वो अपना परिचय वकील के तौर पर ही देती थी. अदालत परिसर में ही डोना, मनजिंदर के संपर्क में आई थी जहां, वो ATM में नकदी भरने के लिए आता था. यहां से दोनों दोस्त बन गए. मनजिंदर सिंह उर्फ मणि जो ATM कैश मैनेजमेंट फर्म CMS-कनेक्टिंग कॉमर्स में काम करता था. मोना को पता था कि मनजिंदर सिंह उसके किस काम आ सकता है. उसने उसके साथ दोस्ती की फिर बड़ी लूट की साजिश रची. अंत में 10 जून को कुछ हथियारबंद लुटेरों ने लुधियान के न्यू राजगुरु नगर इलाके में CMS सिक्योरिटीज के दफ्तर पर हमला बोल दिया. यहां से 8.49 करोड़ रुपए नकदी लेकर फरार हो गए. पुलिस ने आरोपियों के पास से लूटे गए 8.49 करोड़ रुपए में से 5.96 करोड़ रुपए बरामद भी कर लिए है. जांच में पाया गया है कि मनदीप बेहद गरीब परिवार से आती है. उसके पिता अपने 3 बच्चों की परवरिश के लिए दिहाड़ी मजदूर का काम करते थे, वहीं, मां लोगों के घरों में काम करती थी. बंगाल पंचायत चुनाव: अभी मतदान हुआ भी नहीं और जीत गए कई उम्मीदवार, मनने लगा जश्न ऑनलाइन खरीदारी के लिए पिता ने नहीं दिए पैसे, तो 19 वर्षीय बेटे ने लगा ली फांसी भारत की अर्थव्यवस्था से गायब हुए 500 रुपए के करोड़ों नोट, क्या बंद होंगे ? RBI ने जारी किया लेटर