कुरुक्षेत्र: विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में शिक्षा और संस्कृति के धनी रहे 'लज्जाराम तोमर’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम उनकी की स्मृति में आयोजित किया गया था. इसकी अध्यक्षता विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के सह-संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर ने की. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के शोध निदेशक डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा थे. उन्होंने इस अवसर पर बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में शुद्ध भारतीय दृष्टि लज्जाराम तोमर की ही देन है. समारोह में 'विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान' के सचिव अवनीश भटनागर भी उपस्थित थे. आयोजित समारोह में संस्थान परिसर में 400 छात्रों ने अष्टादशश्लोकी गीता का सामूहिक पाठ भी किया. संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने 'लज्जाराम तोमर' के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि उनका योगदान भारतीय शिक्षा और संस्कृति में अविस्मरणीय है. उन्होंने आगे बताया कि उनका गहन चिंतन और मनन भारतीय शिक्षा को ऐसे आधार प्रदान कर गया जो सागर-मंथन से निकले हुए अमृत कलश के समान मरणशील भारतीय शिक्षा को अमरत्व प्रदान कर सके. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा ने कहा कि भारतीय संस्कृति, भारतीय शिक्षा, भारतीय दर्शन पर लिखी गई उनकी पुस्तकें नवोदित छात्रों का राष्ट्र निर्माण में मार्गदर्शन कर रही हैं. उन्होंने तोमर जी द्वारा शिक्षा पर लिखी पुस्तक अभिनव पंचपदी शिक्षण पद्धति के बारे में कहा कि इस शिक्षा पद्धति को प्रत्येक छात्र के लिए लागू किया जाए तो छात्र का ज्ञान इतना होगा कि संसार में उसका सानी नहीं होगा. कार्यक्रम में प्रो. एएन मिश्रा, आईसी मित्तल, शशि मित्तल, डॉ. आर ऋषि, गीता निकेतन आवासीय विद्यालय के प्राचार्य नारायण शास्त्री, सौरभ चौधरी, जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे. यें भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री 'विनोद तावड़े' ने किया मोबाइल एप लाँच जानिए, क्या कहता है 19 नवम्बर का इतिहास दिल्ली सरकार की 'स्कॉलरशिप और 'लोन' स्कीम का हुआ 'श्रीगणेश' जॉब और करियर से जुडी हर ख़बर न्यूज़ ट्रैक पर सिर्फ एक क्लिक में, पढिये कैसे करे जॉब पाने के लिए तैयारी और बहुत कुछ.