नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बर्बरता से 8 लोगो की हत्या का मामला है. क्या CBI जांच पर विचार किया गया है. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हरीश साल्वे ने कहा कि ऐसी कोई मांग नहीं की गई है. राज्य सरकार को थोड़ा समय दें. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मामले में संगीन आरोप लगे है, जिस तरीके से आप दूसरे लोगो को ट्रीट करते है, वैसे ही इस मामले में भी ट्रीट किया जाए. दरअसल, लखीमपुर हिंसा में उत्तर प्रदेश सरकार के रुख और रवैए पर सप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. अदालत ने कहा है कि हत्या के गंभीर आरोप हैं. आरोपी चाहे जितने हैं, उन पर वैसी कार्रवाई क्यों नहीं हुई, जैसी होनी चाहिए. CBI जांच की मांग क्यों नहीं की गई है. इस मामले में लोकल अधिकारी कैसे निष्पक्ष जांच करेंगे. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बर्बरता से 8 लोगो की हत्या का मामला है. क्या सीबीआई जांच पर विचार किया गया है. साल्वे ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से CBI जांच की कोई मांग नहीं की गई है. राज्य सरकार को थोड़ी मोहलत दें, 18 अक्टूबर को सुनवाई की जाए. इससे पहले CJI एनवी रमन्ना ने मामले की सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि सौ से ज्यादा मेल हमारे पास आए हैं. हम राज्य सरकार को पहले बोलने का मौका देंगे. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को करेगी। भारत की अर्थव्यवस्था में एक बार फिर से हो सकता है सुधार: विश्व बैंक बड़ी खबर: ग्राहक अब बिना इंटरनेट के भी कर सकते है पेमेंट, जानिए कैसे रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 22 के लिए आर्थिक विकास दर को रखा बरक़रार