लखीमपुर हिंसा: 'फॉर्च्यूनर' में कौन था ? सामने आया कई राज़ खोलने वाला सनसनीखेज Video

नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा की जाँच के साथ इस पर सियासत आरंभ हो गई है। इसी बीच सोशल वीडियो पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी कांग्रेस के पूर्व सांसद के भतीजे के एक सहयोगी से पूछताछ करते हुए नज़र आ रहे हैं। वायरल वीडियो में पुलिस अधिकारी जख्मी शख्स से उसका नाम, पता और अन्य जानकारी ले रहा है। पूछताछ में शख्स ने खुलासा किया कि वह चारबाग लखनऊ का निवासी है और कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास के साथ काम करता है।

अधिकारी ने सवाल किया कि हिंसा के दिन वह किसके साथ और कैसे जा रहा था। इस पर, उस शख्स ने बताया कि वह अंकित दास, तीन अन्य लोगों और एक ड्राइवर के साथ काले रंग की फॉर्च्यूनर (SUV) कार में सवार था। पुलिस ने पूछा कि क्या अंकित दास भी घटनास्थल पर मौजूद थे और क्या यह कार उनकी थी। इस सवाल पर शख्स ने हाँ में जवाब दिया। अधिकारी ने तब एक अन्य कार के बारे में पूछताछ की जो फॉर्च्यूनर के आगे चल रही थी। पुलिस ने सवाल किया, 'आगे किसकी गाड़ी थी? उस शख्स ने जवाब दिया, वो मुझे नहीं पता।' पुलिस अधिकारी ने उस शख्स को इस संबंध में खुलकर बताने के लिए कहा और बोला कि 'वो (कार) भी तो साथ में होगी?' इस पर शख्स बताता है कि, 'आगे थार थी, जिससे लोग टकरा गए थे और पीछे फॉर्च्यूनर थी।'

 

बता दें कि थार वही कार थी, जिस पर किसानों की भीड़ द्वारा पत्थरों और लाठियों से हमला करने के आरोप लगे हैं, वायरल वीडियो में कार के शीशे भी टूटे नज़र आ रहे हैं। कहा ये भी जा रहा है कि हमले के बाद ड्राइवर ने कार पर से अपना संतुलन खो दिया और कार भीड़ को कुचलती हुई चली गई। बाद में यह भी सामने आया कि कार के ड्राइवर को भी किसानों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस अधिकारी ने थार के बारे में शख्स से कुछ और सवाल पूछे। जिसमें उस शख्स ने कहा कि उसे नहीं पता कि कार में कौन था। यह ‘भैया’ का था और वह व्यक्ति भी उसके साथ था। हालाँकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि वीडियो में शख्स ‘भैया’ किसे कह रहा था। रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस, मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के साथ अंकित दास की तलाश में जुट गई है। बता दें कि अंकित दास को पूर्व कांग्रेस सांसद अखिलेश दास का भतीजा बताया जा रहा है, जो मनमोहन सिंह की UPA-1 सरकार में जनवरी 2006 से मई 2008 तक इस्पात मंत्रालय संभाल रहे थे। वह मई 1993 से नवंबर 1996 तक लखनऊ के महापौर भी रहे हैं।

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