लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने खीरी के तिकुनिया कांड मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका ठुकरा दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद तथ्यों के मद्देनज़र, आशीष मिश्रा को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता। यह फैसला जस्टिस कृष्ण पहल की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिया है। गौरतलब है कि मामले की बहस के दौरान अभियुक्त पक्ष की तरफ से कहा गया कि अभियोजन कथानक के अनुसार, थार गाड़ी में आशीष मिश्रा मौजूद था और उसी ने ड्राइवर को भीड़ पर गाड़ी चढाने के लिए भड़काया। कोर्ट में कहा गया कि घटनास्थल पर इतनी भीड़ थी, पुलिस के सायरन का शोर था और अभियोजन का कोई भी गवाह थार गाड़ी में मौजूद नहीं था, ऐसे में यह कैसे यकीन किया जा सकता है कि अभियोजन के किसी गवाह ने आरोपित को अपने ड्राइवर को गाड़ी चढाने के लिए उकसाते हुए सुना हो। कहा गया कि वास्तव में घटना के समय आशीष मिश्रा दंगल में मौजूद था। यह भी दावा किया गया कि 197 स्थानीय लोगों ने बकायदा हलफनामा देकर इस बात की पुष्टि जांच एजेंसी के सामने की है। वहीं वादी व सरकार की तरफ से दलील दी गई है कि गवाहों के बयान में यह बात सामने आ चुकी है कि घटना के समय आशीष मिश्रा मौजूद था व अपनी थार गाड़ी से गोलीबारी कर रहा था। गवाहों के बयानों को उद्धत करते हुए, यह भी दलील दी गई है कि जिस टैक्सी से अंकित दास खीरी से रवाना हुआ था, उस टैक्सी ड्राइवर ने भी बयान दिया है कि रास्ते में अंकित दास घटना के संबंध में फोन पर बात कर रहा था, उक्त बातचीत से आशीष मिश्रा पर लगे आरोपों की पुष्टि होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने की राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात पाकिस्तानी रुपया में लगातार हो रही गिरावट,विदेशी मुद्रा भंडार भी हो रहा कम 'कांग्रेस सोचती है डकैती उनका हक है, कोई उनसे सवाल न पूछे..', भाजपा का हमला