पुणे: महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के 18 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो मामूली लोन देकर ऐप के माध्यम से लोगों से लाखों रुपए हड़प लेते थे। पैसे न देने पर ये लोग लोगों की फोटो मॉर्फ (एडिट) करके उसे अश्लील बना देते थे तथा उसके पश्चात् पीड़ित को ब्लैकमेल करके उससे रूपये निकालते थे। पुलिस ने अपराधियों के पास से 48 मोबाइल फोन, कई सीपीयू एवं 70 लाख रुपये जब्त किए हैं। पुणे साइबर क्राइम की टीम ने को जांच में कॉल सेंटर से पीड़ितों के 1 लाख मोबाइल नंबर डेटाबेस में प्राप्त हुए हैं। ये फर्जी लोन ऐप प्ले स्टोर या अन्य वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं। इन्हें सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट्स पर भी फ्लैश किया जाता है। पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने बताया कि इस गिरोह ऐसे व्यक्तियों को अपने शिकंजे में फंसाता था, जिन्हें तत्काल लोन की आवश्यकता होती है। ऐसे लोग सरलता से ऑनलाइन फर्जीवाड़े का शिकार हो जाते हैं। पुणे साइबर सेल के डीसीपी भाग्यश्री नवताके के अनुसार, बीते 2 वर्ष कई व्यक्तियों के लिए भयानक रहे हैं। कोरोना महामारी ने मध्यम वर्ग के ज्यादातर लोगों की आर्थिक स्थिति खराब कर दी है। और इस अवधि के के चलते जिन व्यक्तियों को पैसे की सख्त आवश्यकता होती है वे ऐसे ऑनलाइन ऐप धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। एक बार पीड़ित एप्लिकेशन डाउनलोड कर लेता है। यूजर्स को तत्काल आधार पर 500-7000 रुपये तक का ऋण मिलता है। एक बार ऐप डाउनलोड हो जाने के बाद कैमरा, कॉन्टैक्ट्स, लोकेशन, एसएमएस, स्टोरेज, माइक्रोफोन, गैलरी आदि के लिए सभी प्रकार की इजाजत मांगी जाती है। वही एड्रेस गैलरी के सत्यापन एवं अनुमति के पश्चात्, छोटी ऐप कंपनी के लोग तुरंत लोन राशि का ज्यादातर हिस्सा जमा कर देते हैं। लेकिन एक सप्ताह के बाद कैपिटल प्लस अतिरिक्त राशि की मांग करना शुरू कर देता है, जो आपके खाते में जमा किए गए लोन से 300 प्रतिशत अधिक होता है। एक हफ्ते के पश्चात् लोन ऐप कंपनी का सदस्य दी गई राशि और अतिरिक्त राशि की मांग करने लगता है। अगर कोई मांगे गए पैसे देने में विफल रहता है तो पीड़ित को मॉर्फ्ड फोटो भेजी जाती है, जिसमें पीड़ित के संपर्कों में मॉर्फ्ड फोटो वायरल करने की धमकी दी जाती है। पहचान छुपाने की शर्त पर कई व्यक्तियों ने इन घटनाओं को साझा किया है। एक महिला ने बताया कि उसने एक लोन ऐप से 9000 रुपए का कर्ज लिया था। किन्तु तीन हजार रुपए ही जमा किए गए। बाद में 6 दिनों के बाद उसे 9000 रुपये वापस करने के लिए विवश किया गया। जब महिला ने पैसे देने से मना कर दिया तो उसे अपनी बहू की मॉर्फ्ड न्यूड फोटो दे दी गई। सामाजिक कलंक के डर से महिला ने पहले पुणे पुलिस साइबर सेल के प्रमुख से संपर्क किया तथा यरवदा पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई। एक और हैरान कर देने वाले मामले में 30 साल के इंजीनियर ने इसी प्रकार के ऐप से छोटा लोन मांगा। अब 3 साल के भीतर युवक इस गिरोह को 1 लाख 78 हजार रुपये जमा कर चुका है। पुणे पुलिस को बीते 2 वर्षों में इस गिरोह के चंगुल में फंसे 4778 लोगों की शिकायतें प्राप्त हुई। पुणे पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए साइबर अपराध के तहत एक स्पेशल टीम बनाई है। अब तक देश के कई हिस्सों से 18 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से 6 महिलाएं हैं। पुलिस के पास ऐसे आंकड़े हैं, जो बताते हैं कि कम से कम 1 लाख व्यक्तियों को ठगा गया है। केदारनाथ के पास गिरा बर्फ का पहाड़, वीडियो देखकर काँप जाएंगे आप अभी नहीं गया मानसून ! बिहार, बंगाल और छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिनों तक जमकर बरसेगा पानी कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे हैं मल्लिकार्जुन खड़गे, लेकिन उन्हें भी देनी होगी 'क़ुर्बानी'