वैसे तो हर वर्ष दीपावली में टेराकोटा शिल्पियों द्वारा बनाए गए दीये व लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं की बिक्री होती है लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग होने वाली है. स्थानीयता को प्रोत्साहन मिलने से टेराकोटा शिल्पकारों का मानना है कि अबकी बार मांग जरूर बढ़ेगी. स्पेशल ट्रेनों का राज्य में रुकने को लेकर सीएम प्रमोद ने बोली यह बात पीएम की ओर से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील के बाद से ही शिल्पकारों में उत्साह था. शुक्रवार को मुख्यमंत्री की ओर से आए बयान ने उनका हौसला और बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दीपावली में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं की जरूरत होगी. इस बार स्थानीय इकाइयां इसका विकल्प तैयार करें. मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के टेराकोटा शिल्पकारों की तारीफ करते हुए कहा है कि ये चीन की तुलना में काफी अच्‍छी प्रतिमा बनाते हैं. प्रवासी मजदूरों को लेकर सियासत तेज़, भाजपा ने फिर ममता सरकार पर लगाए आरोप आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दीपावली के अवसर पर टेराकोटा शिल्पकारों की ओर से बनाए गए कलश वाले दीये की खूब मांग होती है. इसके अलावा हाथी स्टैंड व लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को भी पसंद किया जाता है. यहां से उत्पाद गुजरात, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में जाते हैं. वही, चीन से आने वाली प्रतिमा में प्लास्टिक का भी प्रयोग होता है, जिससे पूजा के लिए वे शुद्ध नहीं रह जातीं जबकि टेराकोटा की प्रतिमाएं पूरी तरह से मिट्टी की बनी और मिट्टी के रंग से रंगी होती हैं. इसलिए इन्हें पूरी तरह शुद्ध माना जाता है. चार इंच की प्रतिमा की कीमत पिछले साल तक चीन की तुलना में करीब 10 से 15 रुपये तथा 12 इंच की प्रतिमा की कीमत में करीब 50 रुपये का अंतर होता है. हालांकि शिल्पकारों का दावा है कि इस बार कीमत कुछ और कम हो सकती है. किसानों को ताकत देने के लिए सीएम येदियुरप्पा ने कानून में किया संशोधन अमेरिकी कोरोना वारियर्स के सम्मान में यह विमान भरेगा उड़ान, जानें क्या है शेड्यूल लावारिस पड़ी है $ 442 मिलियन की राशि, अपने सही मालिक का है इंतजार