नई दिल्लीः लक्ष्मी विलास बैंक के सीईओ यानि मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थसारथी मुखर्जी ने कल यानि बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भारतीय रिजर्व बैंक अभी इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस की लक्ष्मी विलास बैंक में विलय की योजना पर फैसला नहीं कर पाया है। इस इस्तीफे के पीछे का कारण इसे ही माना जा रहा है। बैंक ने देर शाम शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि मुखर्जी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ने का फैसला किया है। इससे पहले मुखर्जी एक्सिस बैंक में थे। वह तमिलनाडु स्थित बैंक से 2015 में जुड़े थे। उन्हें इसी साल जनवरी में दो साल का सेवा विस्तार दिया गया था। एलवीबी ने अप्रैल में शहर मुख्यालय वाली इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के साथ विलय की घोषणा की थी। इस सौदे पर सभी की निगाह है क्योंकि इंडियाबुल्स का रीयल्टी क्षेत्र से जुड़ाव है। रिजर्व बैंक रीयल्टी क्षेत्र से संबंध रखने वाली इकाइयों को बैंकिंग क्षेत्र के लिए अनुमति देने से हिचकिचाता रहा है। इस सौदे को अन्य सभी आवश्यक मंजूरियां मिल चुकी हैं लेकिन यह मामला रिजर्व बैंक के पास अटका हुआ है। लक्ष्मी विलास बैंक एक मध्यम स्तर का बैंक है। बता दें कि आरबीआई ने सरकार को बड़ी राशि देने की घोषणा की है। सरकार ने इस क्षेत्र में दी 26 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी, बढ़ेंगे रोजगार के मौके सरकार ने अगले दस साल में रेलवे के 100 परसेंट विद्युतीकरण करने का रखा लक्ष्य इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक बना देश का पहला बैंक