नई दिल्लीः बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में शुमार और वाजपेयी सरकार में ताकतवर मंत्री रहे पूर्व सांसद लालकृष्ण आडवाणी तथा मुरली मनोहर जोशी को मोदी सरकार एक बड़ी राहत दे सकती है। सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें सरकारी बंगले में रहने की अनुमति दे सकती है। बीजेपी को लौह पुरूष और पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी (91) व पूर्व केंद्रीय मंत्री जोशी (85) ने इस साल का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। नियमानुसार पूर्व सांसदों को लोकसभा भंग किए जाने के एक महीने के भीतर बंगला खाली करना होता है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दोनों नेताओं को उनके बंगलों में रहने देने की संस्तुति की है। हालांकि, इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। आडवाणी वर्ष 1970 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। इस बीच करीब 35 पूर्व सांसदों ने पिछली लोकसभा भंग किए जाने के पांच महीने बाद भी लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी बंगले नहीं खाली किए हैं। केंद्रीय कैबिनेट की संस्तुति पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 मई को 16वीं लोकसभा को भंग किया था। बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी तथा मुरली मनोहर जोशी एक समय भाजपा के सबसे ताकतवर नेताओं में गिने जाते थे। हालांकि अब वह पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं। दाऊद इब्राहिम से संबंधों को लेकर घिरे प्रफुल्ल पटेल, भाजपा ने किया जोरदार हमला नोबेल विजेता अभिजीत के बयान पर सिब्बल ने दी पीएम मोदी को दी यह सलाह राजस्थान के शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान, कहा- आरएसएस ने भाजपा पर कर लिया है कब्ज़ा