पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में जाति के आंकड़े को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मांग की है कि केंद्र सरकार जाति जुड़े आंकड़े जारी करे. इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही कुछ मजदूरों से उनकी जाति पूछ डाली. पटना के 10 सर्कुलर रोड पर मौजूद अपने सरकारी बंगले में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लालू ने इफ्तार पार्टी के बाद बांस-बल्ली उखाड़ रहे मजदूरों को अपने पास बुलाकर मीडिया के सामने एक-एक की जाति पूछकर वहां मौजूद कई लोगों को चौंका दिया. पिछड़े प्रधानमंत्री क्यों मार रहे है हक़- जाति पूछने पर मजदूरों में से किसी ने खुद को यादव तो ज्यादातर ने खुद को मुस्लिम बताया. मजदूरों की बात सुनने के बाद लालू प्रसाद ने कहा कि यही लोग हैं, जो अभी तक मजदूरी कर रहे हैं. अभी तक देश का अंधा बजट बनता रहा है. जब रिपोर्ट आएगी, तो आबादी के अनुसार बजट बनाना होगा. सिर्फ पिछड़ा प्रधानमंत्री कहने से काम नहीं चलेगा. पिछड़ा प्रधानमंत्री हैं, तो इनका हक क्यों मार रहे हैं?