लालू-तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ीं ! नौकरी के बदले जमीन मामले में CBI ने दाखिल की चार्जशीट

पटना: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज मंगलवार (6 अगस्त) को दिल्ली की एक अदालत में अपना पहला 100 पृष्ठ का पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और आठ अन्य को कथित भूमि-के-लिए-नौकरी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में आरोपी बनाया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, विशेष सरकारी वकील मनीष जैन और अधिवक्ता ईशान बैसला ने अदालत को बताया कि आरोप पत्र के साथ 96 दस्तावेज संलग्न हैं। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोप पत्र पर विचार के लिए दलीलें सुनने के लिए मामले को 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया है। जनवरी में दाखिल अपने पहले आरोपपत्र में ED ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटियों सांसद मीसा भारती और हेमा यादव के साथ-साथ व्यवसायी अमित कत्याल और पूर्व रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी को आरोपी बनाया था।

ED ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की FIR के आधार पर मामले की जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 2004-2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उम्मीदवारों को नौकरी के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। सीबीआई के इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया था। अदालत ने उन्हें सीबीआई मामले में जमानत देते हुए कहा कि चार्जशीट दाखिल होने से पहले उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।

ईडी ने नवंबर 2023 में कटियाल को गिरफ़्तार किया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में है। कटियाल की ज़मानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है। ईडी ने दावा किया है कि कथित घोटाले में आरोपी के तौर पर नामित दो कंपनियों ए.के. इंफोसिस्टम्स और ए.बी. एक्सपोर्ट्स का गठन यादव परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया था। इसने आरोप लगाया कि कंपनी ए.के. इंफोसिस्टम्स ने 11 ज़मीन के टुकड़े खरीदे। एजेंसी ने कहा कि फर्म की संपत्ति का मूल्य ₹ 1.89 करोड़ था, लेकिन इसे यादव परिवार के सदस्यों को ₹ 1 लाख में हस्तांतरित कर दिया गया। इसने दावा किया कि रेलवे में ग्रुप डी श्रेणियों में नौकरी देने के बदले में ज़मीन के टुकड़े खरीदे गए थे और उन्हें परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली ज़मीन के आस-पास के स्थानों पर अधिग्रहित किया गया था।

ईडी ने कहा कि एबी एक्सपोर्ट्स ने फर्जी लेनदेन के जरिए 5 करोड़ रुपये कमाए । उसने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने कत्याल से मिले पैसे से कंपनी खरीदी। ईडी ने बताया कि देवी की तीन और हेमा यादव की दो जमीनों को एक कंपनी को बेचकर अपराध की कथित आय अर्जित की गई, जिसमें से 1 करोड़ रुपये तेजस्वी यादव को दिए गए और इसे एबी एक्सपोर्ट्स में लगाया गया।

'हम बांग्लादेशी एजेंसियों के संपर्क में हैं, हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए..', संसद में बोले विदेश मंत्री जयशंकर

झारखंड: फैक्ट्री की चिमनी में हुआ भीषण ब्लास्ट, 6 मजदूरों की मौत की आशंका !

'अगर केजरीवाल गिरफ्तार नहीं होते तो..', दिल्ली सीएम के मामले पर ये क्या बोल गई हाई कोर्ट ?

Related News