लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी …. ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी …. कुछ ज़रूरतें पूरी ,कुछ ख्वाहिशें अधूरी ….. इन्ही सवालों का जवाब हैं ज़िन्दगी