कन्नड़ फिल्मों के जाने माने मशहूर अभिनेता पुनीत राजकुमार के पार्थिव शरीर को बेंगलुरु में राजकीय सम्मान के साथ किया दफनाया गया। उन्हें अंतिम सलाम देने के लिए कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई तथा साउथ फिल्मों के कई सुपर-स्टार पहुंचे। उनका दाह संस्कार शनिवार को किया जाना था मगर, उनकी बेटी वंदिता को अमेरिका से भारत पहुंचने में वक़्त लगा इसलिए अंतिम संस्कार को रविवार के लिए स्थगित किया गया। वंदिता को दिल्ली से बेंगलुरु तक लाने के लिए स्टेट अथॉरिटी ने एक खास फ्लाइट का इंतजाम किया था। वही अपने 46 वर्ष के छोटे से जीवनकाल में पुनीत परोपकार के भी पावर स्टार थे। वे धर्मों के विरुद्ध कुछ नहीं सुन पाते थे। कोरोना संक्रमण के चलते भी पुनीत ने सीएम रिलीफ फंड में 50 लाख रुपए दान किए थे। पुनीत ने 45 स्कूल, 26 अनाथालय, 16 वृद्धाश्रम, 19 गोशाला तथा1800 अनाथ लड़कियों की हायर एजुकेशन की जिम्मेदारी उठाई थी। पुनीत की पॉपुलैरिटी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके देहांत की खबर सुनकर ही 2 प्रशंसकों की सदमे में मौत हो गई। एक प्रशंसक ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली। फिलहाल, बेंगलुरु शहर हाई अलर्ट पर है। यहां शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाई गई है। कांतीरवा स्टेडियम, जहां पुनीत की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, वहां शुक्रवार शाम से ही लाखों प्रशंसक पावर स्टार को अंतिम विदाई देने के लिए खड़े थे। पुनीत, डॉ. राजकुमार तथा पर्वतम्मा की पांच संतानों में सबसे छोटे थे। उनके परिवार में वाईफ अश्विनी रेवंत एवं धृति और वंदिता दो बेटियां हैं। राघवेंद्र राजकुमार, शिव राजकुमार उनके भाई तथा लक्ष्मी, पूर्णिमा उनकी बहन हैं। केरल में योगी के कामों को ख़राब दिखाने के मामले में केस हुआ दर्ज उच्च FD दरों (FD rates) का लाभ उठाएँ और अपने निवेश के लक्ष्यों को आसानी से पूरा करें तमिलनाडु के मंत्री के साथ खानाबदोश समुदाय की महिला ने खाया 'अन्नधनम' मुफ्त खाना