बांद्रा: महाराष्ट्र में अब भी कोरोना संक्रमण का कहर कम नहीं है लेकिन इस बीच बांद्रा ऐसा पहला जिला बन गया है, जहां कोरोना वायरस का एक भी सक्रिय मामला नहीं है। बीते शुक्रवार को यहां अंतिम सक्रिय मरीज को भी छुट्टी दे दी गई है। मिली जानकारी के तहत बीते शुक्रवार को यहाँ जांच किए गए 578 सैंपलों में से एक भी सैंपल पॉजिटिव नहीं मिला है। वहीँ दूसरी तरफ जिला कलेक्टर संदीप कदम का कहना है कि, 'उपलब्धि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के संयुक्त प्रयास और ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की नीति को लागू करने से हासिल हुई है।' आप सभी को हम यह भी बता दें कि जिले में बीते साल 27 अप्रैल को गरदा बुद्रुक गांव में पहला मरीज पाया गया था। वहीँ उसके बाद इस साल 12 अप्रैल को जिले में सबसे ज्यादा 1596 नए मामले सामने आए थे। बताया जा रहा है जिले में 18 अप्रैल को सबसे ज्यादा 12,847 सक्रिय मरीज थे और 12 जुलाई 2020 को जिले में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई थी। वहीँ उसके बाद इस साल 1 मई को जिले में सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत दर्ज की गई थी। बताया जा रहा है अब तक जिले में कुछ 1133 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। दूसरी तरफ जिला कलेक्टर संदीप कदम द्वारा जारी एक प्रेस नोट में यह लिखा हुआ है कि इस साल 18 अप्रैल को 12.847 संक्रिय मरीज पहुंचे के बाद लगातार रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती रही। 22 अप्रैल को सबसे ज्यादा 1568 मरीजों डिस्चार्ज किया गया। अब बात करें रिकवरी रेट के बारे में तो प्रेस नोट में आगे कहा गया है, '19 अप्रैल को रिकवरी रेट घटकर 62।58 आ गया था। लेकिन अब बढ़कर 98.11 हो गया है। वहीं 12 अप्रैल को पॉजिटिविटी रेट सबसे ज्यादा 55.73 प्रतिशत पर थी, जो अब घटकर 0 हो गई है। जिले में मृत्यु दर 1.89 प्रतिशत है।' इसके अलावा यह भी कहा गया है कि अबतक जिले में 4,49,832 कोरोना जांच कराई गई हैं। इनमें से 59,809 सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। पॉजिटिव मरीजों में से 58,776 ठीक हो चुके हैं। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस आज, जानिए क्या है इसका महत्व और कैसे हुई शुरआत ? क्या आप भी कर रहे है 'Twitter Space' का उपयोग, तो जरूर जान लें ये जरुरी बात महाराष्ट्र: पुणे में ढील देने के लिए मेयर ने लिखा स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को पत्र