नई दिल्ली: संवेदनशील मामलों में सरकारी हस्तक्षेप की ओर इशारा करते हुए, सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका में सरकार के आदेश को अवैध बताते हुए चुनौती दी है. इससे पहले सरकार ने सीबीआई बनाम सीबीआई मामले में हस्तक्षेप करते हुए वीबीआइ निदेशक अलोक वर्मा को उनके सारे दायित्वों से मुक्त कर दिया था. सरकार ने कहा था कि जांच पूरी होने तक अलोक वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना छुट्टी पर रहेंगे. CBI विवाद मामला : केंद्र की बड़ी कार्रवाई, रातों-रात बदले निदेशक मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वर्मा की याचिका पर 26 अक्टूबर को सुनवाई की जाएगी. अदालत ने कहा कि इससे पहले सीबीआई के अधिकारियों पर लगे रिश्वतखोरी के मामले की जांच पूरी की जाएगी. एजेंसी में आंतरिक विवाद को ध्यान में रखते हुए, 2.30 बजे के आदेश में सरकार ने बुधवार को वर्मा और उनके उप राकेश अस्थाना को सभी कर्तव्यों से मुक्त करते हुए नागेश्वर राव को अंतरिम प्रमुख नियुक्त किया था. CBI विवाद : केंद्र की कार्यवाही से नाराज आलोक वर्मा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट अपनी याचिका में वर्मा ने तर्क दिया कि 'शंटिंग आउट' उस कानून का उल्लंघन करता है जो अधिकारियों को दो साल का एक निश्चित कार्यकाल प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक का स्थानांतरण उच्चस्तरीय समिति की सहमति से होना चाहिए. वर्मा ने अपनी याचिका में सरकार के आदेश पर स्टे लगाने की मांग की है. खबरें और भी:- क्या बच पाएगी सीबीआई की साख? राफेल मुद्दे पर सवाल उठाने की वजह से हटाए गए है सीबीआई डायरेक्टर : राहुल गाँधी सीबीआई बनाम सीबीआई मामले में अरुण जेटली ने तोड़ी चुप्पी, कहा सीवीसी करेगी जांच