पिता का बोझ कम करने के लिए बेटी ने की आत्महत्या

लातूर : सरकारें भले ही किसानों के लिए कितनी ही योजनाएं बना ले, जब तक किसानों को उसका फायदा नहीं मिलेगा स्थति नहीं सुधरेगी. हाल ही में महाराष्ट्र के लातूर में एक दर्दनाक खबर सामने आ रही है, जहाँ एक किसान की बेटी ने अपने पिता को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए खुदकुशी कर ली है. किसान की बेटी ने कुएं में कूदकर इसलिए अपनी जान दे दी. 21 वर्षीय शीतल वैंकट ने 3 वर्ष पहले स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी. शुक्रवार सुबह शीतल ने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी. खुदकुशी करने से पहले शीतल ने एक खत भी लिखा था.

खत में शीतल ने लिखा कि मैं अपने पिता के आर्थिक बोझ को कम करने और अपने मराठा-कुनबी समुदाय में दहेज की प्रथा को खत्म करने के लिए अपनी जान दे रही हूँ. शीतल ने खत में बताया कि करीब पिछले पांच वर्षों से फसल खराब होने की उसकी परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है. उसकी बहनों की शादी भी बिना किसी ताम-झाम के शालीन तरीके से संपन्न हुई.

शीतल के पिता शीतल की शादी करना चाहते थे, लकिन परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं होने और बैंकों-साहूकारों से कर्ज न मिल पाने के कारण 2 सालों से शादी रुकी हुई थी. ऐसे में शीतल ने पिता का बोझ कम करने और मराठा समुदाय में दहेज की प्रथा को खत्म करने के लिए अपनी जान दे दी.

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