2019 के लोकसभा चुनाव से पहले देश की सभी राजनीतिक पार्टियों में एक नई बहस हो रही है. हाल ही में विधि आयोग ने एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर एक बैठक आयोजित की है, जिसमें देश की राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को न्यौता दिया गया. साथ ही पार्टियों ने इस मसले को लेकर अपने विचार भी रखे. विधि आयोग की इस बैठक में 7 राष्ट्रीय दल वहीं 59 क्षेत्रीय दलों को न्यौता दिया गया. इस बैठक का मुख्य विषय था कि, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाए. हालाँकि इस मुद्दे पर जहाँ 4 दल इसका समर्थन करते पाए गए वहीं 9 दलों ने इस बात का विरोध भी किया है. वहीं इस बैठक में देश के सबसे बड़े दो दल कांग्रेस और बीजेपी यहाँ अनुपस्थित दिखाई दिए. विधि आयोग की दो दिवसीय बैठक में एनडीए के सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के अलावा, AIADMK, सपा और टीआरएस इस कदम का समर्थन किया है वहीं बीजेपी के सहयोगी दल गोवा फारवर्ड पार्टी,तृणमूल कांग्रेस, AAP, डीएमके, टीडीपी, सीपीआई, सीपीएम, फॉरवर्ड ब्लॉक और जेडीएस ने इस कदम का विरोध किया है. हालाँकि कई पार्टियों ने इस कदम पर बीजेपी की चाल बताई है. हालाँकि अब देखने वाली बात यह होगी कि इस फैसले में क्या कुछ निकल कर आता है. बीजेपी और मोदी की असफलताओं का पुलिंदा चीन ने जारी किया केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की नज़र में किसानों की मौत पुरानी समस्या ''अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है, क्योंकि मैं वित्त मंत्री नहीं हूं''