संगीत की दुनिया में अमर है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी

भारतीय सिनेमा में अपने नाम मात्र ही पहचान बनाने वाले प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा का जन्म 30 सितंबर 1940  में हुआ था। प्यारेलाल जी के पिता का नाम रामप्रसाद शर्मा था जो कि प्रसिद्ध बिगुल वादक थे सब उन्हें बाबाजी के नाम से पुकारते थे। उन्होंने ही प्यारेलाल को संगीत की मूल बातें सिखाई थी। प्यारेलाल जी ने 8 साल की उम्र से ही वायलिन सीखना शुरू कर दिया था और वे प्रतिदिन 8 से 12 घंटे का अभ्यास किया करते थे। फिल्म जगत में लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी एक लोकप्रिय भारतीय संगीतकार की जोड़ी मानी जाती है। ये मुख्य रूप से कंपोजर, म्यूजिक डायरेक्टर हैं।

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यहां बता दें कि उन्होंने एंथनी गोंजाल्विस नाम के एक गोअन संगीतकार से वायलिन बजाना सीखा, वहीं हिन्दी फिल्म अमर अकबर एंथनी फिल्म में संगीत लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल ने ही दिया था। जानकारी के अनुसार प्यारेलाल जी जब 12 वर्ष के थे तब उनके परिवार की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई तब उन्हें उम्र के इस पड़ाव में  स्टूडियो में काम करना पड़ा साथ ही उन्होंने परिवार के लिए पैसे कमाने और उनका साथ देने के लिए रंजीत स्टूडियो एवं अन्य स्टूडियो में वायलिन भी बजाया है। वर्तमान समय में प्यारेलाल 78 वर्ष के हो गए हैं और वे मुबंई के परेल में निवासरत हैं। 

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भारतीय सिनेमा में 70 के दशक में जो फिल्में आई थी, उनमें मुख्यत: इन्हीं ने संगीत को कंपोज किया था। ​हिन्दी फिल्मों में दोस्ती, पत्थर के सनम, रोटी कपड़ा और मकान, बॉबी, प्यार किए जा, शार्गिद, मिलन और फर्ज जैसी अन्य फिल्मों में इन दोनों की जोड़ी ने धमाल मचा दिया था। वर्तमान समय में भी हिन्दी फिल्मों के लिए सहायक के तौर पर सभी की मदद करने तत्पर रहने वाले प्यारेलाल जी ने लता मंगेशकर मुहम्मद रफी जैसे गीतकारों के साथ भी काम करके उनके गीतों को कंपोज किया है।  

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