ओलंपिक पदक विजेता और ग्रैंडस्लैम चैम्पियन, भारत के स्टार टेनिस प्लेयर लिएंडर पेस का कहना है कि वे ऑफ सत्र में मॉडर्न टेनिस की तर्ज पर खलेने के लिए भरपूर कोशिश कर रहे है लेकिन उनके लिए अब नए लक्ष्य निर्धारित करना मुश्किल है. टेनिस के लिए पेस का पैशन इस कदर है कि उनके करियर में कई साथी कोच बने और उनके कई जूनियर ने संन्यास ले लिया. लेकिन पेस के लिए टेनिस की भूख कम नहीं हुई. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि, "मेरे लिए ऑफ सत्र का मतलब कौशल, दमखम, वजन और अपने खेल को तरोताजा बनाए रखना है, क्योंकि अब खेल में ताकत का बोलबाला है. सभी खिलाड़ी छह फुट से ऊंचे हैं और अधिक बलशाली हैं. ऐसे में आपके लिए जवाबी हमले का समय बहुत कम रहता है, क्योंकि गेंद काफी मजबूती से आती है. ताकत केमायने हैं कि सर्विस और फोरहैंड दमदार होने चाहिए. डबल्स में नई शैली के साथ वापसी कर सकते हैं. मेरे लिए ऑफ सत्र शारीरिक क्षमता बढ़ाने और नए लक्ष्य तय करने का था. वैसे नए लक्ष्य तय करना बहुत मुश्किल है." 44 वर्षीय दिग्गज टेनिस स्टार ने कहा कि, "फिलहाल मैं अपने टेनिस करियर के खूबसूरत मोड़ से गुजर रहा हूं, जिसमें मुझे कुछ साबित नहीं करना है. अभी भी गेंद और कोर्ट पर नियंत्रण बनाने में कामयाब रहना ही मेरी प्रेरणा है. मैं खेल का मजा ले रहा हूं. मैंने सब कुछ हासिल कर लिया है. अब मैं अपने लिए खेल रहा हूं. मैं लोगों को प्रेरित करना चाहता हूं कि यदि लिएंडर कठिन दौर से जूझने के बावजूद यह कर सकता है तो कोई भी कर सकता है. हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जिसमें जीवन बहुत कठिन है. हर जगह आतंकवाद है, गरीबी है, रहन-सहन का खर्च बढ़ता जा रहा है, इतने घोटाले हो रहे हैं, लेकिन आपको अच्छे रोल मॉडल की जरूरत है जो बता सके कि जिंदगी कठिन है, लेकिन अच्छी भी हो सकती है." खुद को आग लगाने वाले कोहली के फैन की मौत