दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस ने देश में भूचाल ला दिया है. इन चार जजों में शामिल न्यायमूर्ति चेलमेश्वर . जानिए उनके बारे में और भी बातें. 64 साल के जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ जज हैं. जब जस्टिस दीपक मिश्रा चीफ जस्टिस बने उस वक्त उनका नाम भी इसके लिए आया था. आन्ध्र प्रदेश से आने वाले जस्टिस चेलमेश्वर का बतौर जज काफी लंबा करियर रहा है. वो सुप्रीम कोर्ट से पहले गुवाहाटी और केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. जज के तौर पर उन्होंने अपना करियर आन्ध्र प्रदेश हाईकोर्ट से शुरू किया, जहां वो 1997 में एडिशनल जज बने. 2007 में वो गुवाहाटी के चीफ जस्टिस बने और 2010 में केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. अक्टूबर 2011 में वो सुप्रीम कोर्ट के जज बने. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें जस्टिस चेलेमेश्वर भी शामिल थे, ने एक अहम फैसला बीते साल दिया था. इसमें कहा गया था कि आधार कार्ड के ना होने की स्थिति में किसी भारतीय नागरिक को बुनियादी सेवाओं और सरकारी सब्सिडी से वंचित नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा कोलेजियम और कई दूसरे मामलों पर भी वो जस्टिस चेलमेश्वर कड़ाई से बात रखते रहे हैं. चीफ जस्टिस के साथ भी कई मुद्दों पर उनके मतभेद की खबरें पहले आ चुकी हैं. न्यायाधीश चेलमेश्वर ने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं सुनी, हम नहीं चाहते हैं कि 20 साल बाद हम पर कोई आरोप लगे. न्यायाधीश चेलमेश्वर ने कहा कि जजों के बारे में CJI को शिकायत की थी लेकिन चीफ जस्टिस ने हमारी बात नहीं सुनी.न्यायाधीश चेलमेश्वर ने कहा कि हम देश का कर्ज अदा कर रहे हैं. मजबूर हो कर मीडिया के सामने आना पड़ा, अब चीफ जस्टिस पर देश फैसला करे. सुप्रीम कोर्ट के न्याय पर प्रश्न करते न्यायाधीश आज नहीं सुलझेगा सुप्रीम कोर्ट का विवाद चारों जजों पर महाभियोग चलाया जाए - रिटायर जस्टिस सोढ़ी