जानें टैरो कार्ड के इतिहास से लेकर अब तक की कहानी

व्यक्ति के जीवन में ऐसे कई माध्यम है जिससे उसके भविष्य की जानकारी प्राप्त होती है जिसमे ज्योतिष शास्त्र मुख्य है इसके अनुसार व्यक्ति के हांथों की रेखाओं के माध्यम से उसके भविष्य की घटनाओं का पता लगाया जा सकता है. ऐसा ही एक माध्यम है टैरो कार्ड जो की तांश के पत्तों की तरह प्रतीत होता है जिसपर कुछ रंगीन चित्र बने होते है. टैरो कार्ड रीडर इसकी सहायता से व्यक्ति के जीवन में घटने वाली घटना का पता लगाता है आइये जानते है इससे सम्बंधित कुछ और बातें.

टैरो कार्ड का इतिहास - टैरो कार्ड का इतिहास बहुत पुराना है इसका इस्तमाल चौदहवीं शताब्दी से किया जाता रहा है सर्वप्रथम इसे इटली में मनोरंजन के रूप में इस्तमाल किया जाता था पर बहुत शीघ्र ही इसका इस्तमाल सम्पूर्ण यूरोप में मनोरंजन के लिए किया जाने लगा और धीरे-धीरे इसे मनोरंजन का साधन न मानकर भविष्य जानने की गूढ़ विद्या के रूप में किया जाने लगा. टैरो कार्ड के ऊपर दर्शाए गए अंक, रंग, संकेत व पंच तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश के आधार पर व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाया जाता है.

टैरो कार्ड रीडिंग के प्रकार – टैरो कार्ड रीडिंग तीन प्रकार से उपयोग कि जाती है.

1.तीन कार्ड के द्वारा – इस विधि में तीन टैरो कार्ड का उपयोग किया जाता है जो व्यक्ति के तीनों कालों भूत, वर्तमान, भविष्य से सम्बंधित जानकारी प्रदान करता है जिसमे नतीजे सुझाव व बचाव के तरीकों को बताया जाता है.

2.पांच कार्ड के द्वारा – इस विधि में पांच टैरो कार्ड का उपयोग किया जाता है जो व्यक्ति के जीवन के तीनों काल व दो सुझाव और नतीजों को दर्शाता है.

3.सात कार्ड के द्वारा – इसमें सात टैरो कार्ड का उपयोग होता है जिसमे तीन आपके काल से जुड़ी होती है और बाकी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी बाधाएं और उसे दूर करने के उपायों को बताया जाता है.

 

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