काबुल: आतंकी संगठन तालिबान को खुले दिल से समर्थन देने वाला देश कतर अभी इस संगठन से बेहद नाराज है. कतर के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि लड़कियों की शिक्षा को लेकर तालिबान का रवैया काफी निराश करने वाला है और ये कदम अफगानिस्तान को और पीछे धकेल देगा. उनका ये भी कहना था कि यदि वाकई तालिबान को अपने देश में एक इस्लामिक शासन चलाना है, तो तालिबान को कतर से सीखना चाहिए. कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में यूरोपियन फॉरेन पॉलिसी चीफ जोसेफ बोरेल के साथ चर्चा की और कई मुद्दों समेत अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर रोक को निराशाजनक करार दिया. उन्होंने कहा कि हाल ही में अफगानिस्तान में जिस प्रकार के कदम उठाए गए हैं, वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं. ये देखकर बेहद निराशा हुई है कि ये कुछ ऐसे स्टेप्स लिए गए हैं जिससे अफगानिस्तान विकास की राह में बहुत पीछे जा सकता है. बता दें कि अमेरिकी फ़ौज के निकलने के बाद पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में उथल-पुथल मची है और कतर ने इस संवेदनशील समय में अफगानिस्तान की बहुत मदद की है. कतर ने काबुल हवाई अड्डे के ऑपरेशन्स को संभालने में सहायता की थी. इसके अलावा हजारों विदेशियों और अफगानियों को भी इस देश से निकालने में सहयोग किया था. अफ़ग़ानिस्तान में हुआ निर्वासित सरकार का गठन, अमरुल्लाह सालेह बने कार्यवाहक राष्ट्रपति अफगान तालिबान पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिकी सीनेटरों ने पेश किया विधेयक क्या तालिबान की जीत के पीछे है पाक का हाथ, जानें