भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आज से करीब 3229 वर्ष पहले मथुरा में हुआ था. मनुष्य जन्म में श्रीकृष्ण आध्यात्मिक और लौकिक भाग्य की नई कृति की तरह थे. श्रीकृष्ण, द्वापरयुग में जन्मे थे. हिंदू पुराणों के अनुसार वह इस पृथ्वी पर 125 वर्षों तक रहे. 1-भगवान विष्णु के मानव अवतार श्रीकृष्ण दिव्वता से परिपूर्ण थे. उन्होंने पृथ्वी पर जितनी भी लीलाएं की, उनसे किसी न किसी विषम परिस्थिति से बाहर आने की सीख मिलती है. उनका जीवन ललित कलाओं जैसे कविता, संगीत, चित्रकला, मूर्तिकला का खजाना था. इसलिए आज भी जब हम श्रीकृष्ण की लीलाओं को ग़ौर से सुनते हैं तो हमे खुशी मिलती है. जो हमें आगे बेहतर करने की प्रेरणा देती है. 2-श्रीकृष्ण का पूरा जीवन,असाधारण गतिविधियों भरा हुआ है. उन्होंने पृथ्वी पर रहकर कई असाधारण काम किए. इन सभी लीलाओं का श्रीमद्भागवत्, गंगा संहिता, विष्णु पुराण ब्रह्म में उल्लेख मिलता है. ब्रह्मवैवर्त पुराण, महाभारत, हरिवंश पर्व और कई अन्य पुराणों में विस्तार से बताया गया है. 3-श्रीकृष्ण का जन्म बहुत ही असामान्य परिस्थितियों में हुआ. उनकी मां देवकी और पिता वासुदेव को मामा कंस ने कारागार में बंद करके रखा था. श्रीकृष्ण के पहले उनके 6 भाई-बहनों को कंस ने जन्म लेकर ही मौत की नींद सुला दिया. तब वासुदेव ने श्रीकृष्ण जी को ब्रज में मां यशोदा के यहां छोड़ आए. यहां उनका संपर्क गोपियों से हुआ. यह सभी कान्हा की मोहक छबि पर मोहित थीं. यानी हमें भी हमारी पिछली परस्थिति कैसी भी रही हों, आगे आने वाले हर क्षण को ऐसा बनाना चाहिए ताकि लोग हमारा आदर करें. यहाँ आज भी रहते है हनुमानजी