'अब तो राजनीति छोड़ दो..', शिंदे को उद्धव गुट ने क्यों दी ये सलाह?

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने एकनाथ शिंदे गुट पर हमला जारी रखा है। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र **'सामना'** में शिंदे गुट के उन नेताओं की सूची जारी की है, जो 2022 में बगावत कर शिंदे के साथ गए थे, लेकिन इस चुनाव में हार गए। उद्धव सेना ने शिंदे को उनके पुराने वादे की याद दिलाते हुए पूछा कि क्या वह अब राजनीति छोड़ देंगे।  

2022 में जब एकनाथ शिंदे ने बगावत की थी, तब उनके साथ 40 विधायक गए थे। शिवसेना (यूबीटी) ने बताया कि इनमें से 5 नेताओं को हालिया चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इन नेताओं में सदा सरवणकर (माहिम), यामिनी जाधव (भायखला), शाहजी बापू पाटिल (संगोला), संजय रायमूलकर (मेहकर), और ज्ञानराज चौगुले (उमरगा) शामिल हैं। यह बगावत जून 2022 में हुई थी, जब शिंदे ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिराने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद वह मुख्यमंत्री बने। हालिया चुनाव में महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना, और अजित पवार गुट शामिल हैं, ने 230 सीटें जीतकर सत्ता पर कब्जा कर लिया।  

महायुति में भाजपा को 132 और शिंदे गुट को 57 सीटें मिलीं। दूसरी ओर, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट), और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं, सिर्फ 46 सीटें ही जीत सका। इसमें कांग्रेस को 16, शिवसेना (यूबीटी) को 20, और एनसीपी को 10 सीटें मिलीं। शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव परिणामों को लेकर शिंदे पर तीखे सवाल उठाए हैं। सामना के जरिए उन्होंने शिंदे को याद दिलाया कि उन्होंने कहा था कि अगर उनके साथ गया कोई भी बागी चुनाव हारता है, तो वह राजनीति छोड़ देंगे। अब जब पांच बागी हार गए हैं, शिवसेना (यूबीटी) ने उनसे सवाल किया है कि क्या वह अपना वादा निभाएंगे।  चुनाव के बाद दोनों गुटों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। यह साफ है कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह मुद्दा अभी और तूल पकड़ सकता है।  

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