जयपुर : सोशल मीडिया के माध्यम व्हाट्सएप की लोकप्रियता से सभी वाकिफ हैं. एडमिन अपने पसंद के लोगों को अपने समूह में शामिल कर इसकी सदस्यता देता है, जिसमें सदस्य बनने वाला चाहे तो इस समूह से कभी भी बाहर भी हो सकता है. लेकिन राजस्थान के पंचायत विभाग के कर्मचारियों द्वारा एक ग्रुप से बाहर होने को अनुशासनहीनता मान लिया गया और उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दिए जाने से यह मामला सुर्ख़ियों में आ गया है. गौरतलब है कि जयपुर की सांगानेर तहसील में पंचायत समिति की विकास अधिकारी ने व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ने पर सात ग्राम सेवकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि आपने बिना कारण बताए ग्रुप क्यों छोडा और क्यों न इसके लिए आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. यह नोटिस चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल जयपुर की सांगानेर पंचायत समिति की विकास अधिकारी (बीडीओ) रिंकू मीणा ने सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप सरकारी योजनाओं और कार्यों को नियमित और तेज गति से करने के लिए बनाया गया था.इसमें से सात ग्राम सेवक बिना कोई कारण बताए इस समूह से बाहर हो गए, तो विकास अधिकारी ने अपने सात ग्राम सेवकों को इसे लेकर नोटिस जारी कर दिया. बता दें कि इस नोटिस में कहा गया कि इसका कारण स्पष्ट करें. अधिकारी ने ग्राम सेवकों को अनुशासननात्मक कार्रवाई की चेतावनी और भविष्य में ग्रुप में बने रहने की हिदायत भी दी है. इस आदेश की प्रति पंचायत समिति के अन्य कर्मचारियों को भेजी गई है और उन्हें कहा गया है कि ग्रुप में अनावश्यक पोस्ट न करें तथा राजकीय कार्य समय पर करना सुनिश्चित करें. सम्भवतः व्हाट्सएप्प ग्रुप से निकलने पर किसी को मिला यह पहला नोटिस होगा. यह भी देखें WhatsApp पर नंबर बदलना होगा आसान ! न्यायिक कार्य में पहली बार हुआ व्हाट्सएप का उपयोग, खेमका ने की पहल