चंडीगढ़ : पंजाब राज्य में विधानसभा में जल को लेकर मामला सामने आया। दरअसल विधायकों ने सतलुज यमुना संपर्क नहर से जुड़े मसले को सामने रखा। एसवाईएल निर्माण के विरूद्ध विधान पारित कर दिया गया। जिसमें सभी ने अपनी स्वीकृति दी। उनका तर्क था कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है। उल्लेखनीय है कि पंजाब से अपने जल विवाद को लेकर हरियाणा ने केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय का रूख किया । सर्वोच्च न्यायालय ने सतलुज-यमुना लिंक नहर पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि इस संबंध में जारी आदेश को लागू न करने देने की कोशिशें की जा रही हैं और ऐसे में अदालत खामोश नहीं बैठेगी। उल्लेखनीय है कि पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब राज्य को पानी की कमी नहीं होने से जूझने की बात कही। यह भी कहा कि पंजाब किसी दूसरे राज्य को पानी सप्लाय नहीं कर सकता है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में हरियाणा की मुनक नहर से पानी सप्लाय होती है। मगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवल सतलुज-यमुना लिंक नहर का विरोध कर रहे हैं। वहीं दिल्ली वालों को इस कनाल के न बनने से हरियाणा से मिलने वाले पानी में 25 फीसदी कमी आएगी।