बरेली :' जिस थाली में खाया उसी में छेद किया' वाली कहावत तब चरितार्थ हो गई, जब पंजाब पुलिस ने यूपी के आईजी स्तर के एक अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकी को 45 लाख रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ने की जानकारी यूपी पुलिस को दी. इस शर्मनाक मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश सीएम योगी ने दिए हैं. उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस ने यूपी के आईजी स्तर के एक अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकी गोपी घनश्यामपुरा को छोड़ने के लिए 45 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. बता दें कि पंजाब और यूपी पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर नाभा जेल ब्रेक में भूमिका निभाने वाले 6 लोगों को पकड़ा था. पंजाब पुलिस का दावा है कि गोपी इसलिए बच निकला , क्योंकि यूपी के आईजी स्तर के एक अधिकारी ने रिश्वत लेकर उसकी भागने में मदद की थी. बता दें कि पंजाब पुलिस ने सबूत के तौर पर जैसे ही आरोपी पुलिस अधिकारी की बातचीत की रिकॉर्डिंग सुनाई, तुरंत ही राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए. डीजीपी ने एडीजी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच कराने की पुष्टि की है. पंजाब पुलिस के अनुसार गोपी को 10 सितंबर को शाहजहांपुर में देखा गया था, लेकिन वह वहां से भागने में कामयाब रहा.बताया जा रहा है, कि इस डील को फाइनल कराने में कांग्रेस नेता संदीप तिवारी उर्फ पिंटू ने मदद की. मामले की सच्चाई जाँच के बाद ही पता चलेगी. यह भी देखें पंजाब में मुठभेड़, दो आतंकी ढेर क्या इस हफ्ते 'सिमरन' और 'लखनऊ सेंट्रल' कुछ कमाल दिखा पायेगी?