पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं उनके विपक्षी एकता के दावे पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हमला बोला। उन्होंने भागलपुर में कहा कि बिहार में जो सियासी घटनाक्रम है वो सिर्फ प्रदेश विशिष्ट मद्दा है तथा मुझे नहीं लगता कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। कथित तौर पर जो आदमी अभी विपक्ष में है, वो दिल्ली जाकर दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं से भेंट करता है, तो सिर्फ मुलाकात करने से विपक्ष नए तरीके एवं योजना के साथ खड़ा हो रहा है, ऐसा मुझे नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि मैंने तो कहीं ऐसा ऐलान नहीं देखा जिसमें सारे विपक्ष के नेता एक साथ बैठकर किसी चेहरे आदि का ऐलान किया हो। अभी मुझे इस कोशिश में कुछ नई बात नहीं नजर आती है। इससे पहले भी दिल्ली में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी केसीआर दिल्ली में कई व्यक्तियों से मिल चुके हैं। हम कैसे मान लें कि विपक्ष कुछ नया कर रहा है? मुझे नहीं लगता कि यह 2024 के चुनावों से संबंधित कोई नाटकीय परिवर्तन लाएगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि 17 वर्ष मुख्यमंत्री रहने के बाद नीतीश कुमार ने माना है कि 10 लाख नौकरियां दी जा सकती हैं। वह एक बड़े नेता हैं, उन्हें ए टू जेड सब कुछ पता है, जबकि दूसरों को कुछ नहीं पता। 12 महीने गुजरने दें, फिर हम भी पूछेंगे कि कौन 'ABC' जानता है और कौन 'XYZ' जानता है। इससे पहले प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की थी कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का मौजूदा महागठबंधन टूट जाएगा। उन्होंने यह भी बोला था कि बिहार की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार ही जिम्मेदार हैं। इस बारे में जब नीतीश कुमार से पूछा गया, तो उन्होंने बोला कि प्रशांत किशोर की बात का कोई अर्थ नहीं है। उनको बिहार का ABC भी पता है? उनका मन भी बीजेपी की सहायता करने का होगा। आखिर कैसे ब्रिटेन की महारानी बनी एलिज़ाबेथ? हम पर ही होती है CBI-ED की कार्रवाई, भाजपा नेताओं पर क्यों नहीं ? संजय सिंह का छलका दर्द ब्रिटेन ही नहीं इन 14 और देशों की भी महारानी थीं क्वीन एलिजाबेथ-II, यहाँ देखें सूची