'सपा की सरकार बनने दो, यही पुलिस तुम्हे सल्यूट करेगी..', क्या अपराधियों का हौसला बढ़ा रहे आज़म खान ?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जहाँ एक तरफ सरकार गुंडे-माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए तमाम कदम उठा रही है और कोशिश कर रही है कि, अपराधी जुर्म की दुनिया छोड़ दें और यूपी में कानून का राज्य स्थापित हो। वहीं, विपक्षी दल के नेताओं के बयानों से उन अपराधियों में ये सन्देश जा रहा है कि, बस सरकार बदलने की देर है और इसके बाद वे फिर से अपनी मनमानी कर सकेंगे, यहाँ तक कि, जो पुलिस आज उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है, सरकार बदलते ही उन्हें सल्यूट करेगी। समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आज़म खान के बयान के कुछ यही मायने निकाले जा रहे हैं।  

दरअसल, आजम खान ने सोमवार (1 मई) को यूपी पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य में अगली बार सपा की सरकार बनेगी। आजम ने दावा करते हुए कहा कि, 'कब तवे से रोटी पलट जाएगी। जिन पुलिस वालों ने तुम्हारे घरों से दरवाजे तोड़े हैं और जिन्होंने तुम्हें ठोकरें मारी हैं, वे यही खड़े होकर उसी बूट से तुम्हें सैल्यूट करेंगे।' दरअसल, आजम रामपुर नगर पालिका परिषद चुनाव में सपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने पहुंचे थे। इस दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए आजम खान ने कहा कि यदि अच्छे लोग नहीं बचेंगे तो बुरे लोग कैसे बचेंगे। आज़म ने कहा कि प्रकृति का बदला क्रूर है। 

वहां मौजूद भीड़ से आज़म ने कहा कि, 'रोटी तवे पर कब पलट जाए। देखिए ये जो अधिकारी आज उनके साथ हैं, जो सरकार में बैठे हैं। वे अब जानते हैं कि नेता इस सीमा तक मनमानी कर सकते हैं। आने वाली सरकार इससे भी ज्यादा (मनमानी) कर रही होगी। आप समझ गए होंगे कि मेरा मतलब क्या है? देखिए एक रेखा खींच दी गई है और जब सरकार बदलेगी तो एक लंबी रेखा खींची जाएगी।' जब सपा नेता ने वहां मौजूद भीड़ से पूछा कि लंबी लकीर कौन खींचेगा तो जनता ने 'आजम खान-आजम खान' की नारेबाजी की।

आजम ने आगे कहा कि, 'जो लोग सोचते हैं कि वे हमेशा सत्ता में रहेंगे, उन्हें समझना चाहिए कि यदि अच्छे लोग नहीं रहेंगे, तो बुरे लोग कैसे बचेंगे? हमने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी का युग देखा है और जो हुआ वह सभी जानते हैं। राजीव गांधी के शरीर का एक टुकड़ा भी नहीं मिला था।' 

अखिलेश यादव सरकार ने वापस लिए थे आतंकियों के केस:-

बता दें कि, उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP ओपी सिंह और पूर्व DSP शैलेन्द्र सिंह अपने साक्षात्कारों में कई बार बता चुके हैं कि, सपा सरकार में मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफियाओं का आतंक किस तरह चरम पर था और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की सरकार की तरफ से अनुमति नहीं थी, जो पुलिस अधिकारी इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करता था, उसकी खुद की नौकरी खतरे में पड़ जाती थी। यही नहीं, खुद अखिलेश यादव ने भी मुख्यमंत्री रहते समय लखनऊ, वाराणसी और फैजाबाद की कचहरियों में 23 नवंबर 2007 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों के आरोप में कैद 19 आरोपियों पर चल रहे मुकदमों को वापस लेने के लिए कहा था। जिसके बाद इलाहबाद हाई कोर्ट ने अखिलेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि, आतंकवाद के सिलसिले में कैद लोगों के बारे में सिर्फ केंद्र सरकार फैसला ले सकती है, क्योंकि यह अधिनियम केंद्र का है। राज्य सरकार इसमें कोई फैसला ले ही नहीं सकती। अब आजम खान के बयान के बाद इस तरह के ही अपराधियों को ही हौसला मिल रहा है, जो बस सरकार बदलने का इंतज़ार कर रहे हैं, उसके बाद वे अपनी मनमानी करेंगे और पुलिस उन्हें सल्यूट करेगी।  

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