उज्जैन : जान बचने की उम्मीद खो चुके परिवार को शहर में ही ऐसा इलाज मिला जिससे मरीज की न सिर्फ जान बची बल्कि अब वह आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकता है। इंदौर तथा अन्य बड़े शहरों में होने वाले इलाज को उज्जैन में ही सफल आॅपरेशन कर संभव कर दिखाया। गिरधारीलाल सूर्यवंशी उम्र 35 वर्ष निवासी आमबा बड़ौद को बेल ने सींग मार दिया था जिसके कारण उसके पेट की आंतें और लीवर फट गया था और ढाई लीटर खून जहर बन चुका था। जहर के फैलने पर मरीज बहुत गंभीर स्थिति में था। जिसे उसके परिजनों द्वारा आगर में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों द्वारा परीक्षण कर मरीज को इंदौर रैफर कर दिया गया। मरीज के परिजन उसे इंदौर न ले जाते हुए गुरूनानक हाॅस्पिटल लेकर आये जहां डाॅ. उमेश जेठवानी ने आॅपरेशन कर लीवर और आंतों को रिपेयर किया तथा खून चढ़ाया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। इसी तरह पीरूलाल उम्र 42 वर्ष के पेट की आंतें उलझ गई थी, ब्लड प्रेशर नहीं आ रहा था तथा किडनी भी ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर रही थी। गुर्दे ने काम करना बंद कर दिया था। ऐसी स्थिति में पीरूलाल की बचने की संभावना 1 से 2 प्रतिशत रह गई थी। डाॅ. उमेश जेठवानी ने तुरंत आॅपरेशन की सलाहदी। आॅपरेशन के वक्त पीरूलाल के पेट से साढ़े तीन लीटर जहर निकाला गया तथा उलझी हुई आंतों को सुलझाया गया। तीन दिनों तक वेंटीलेटर पर रहने के बाद अब पीरूलाल की स्थिति ठीक है और मौत के मुंह से बाहर आकर अब आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकेगा। मध्यप्रदेश में धर्म परिवर्तन के लिए ले जाए जा रहे थे आदिवासी बच्चे बारिश के बाद शुरु होगी शिप्रा सेवा यात्रा समाधान योजना से जुड़े ढाई लाख उपभोक्ता