लखनऊ: राज्य सरकार ने आईएएस अफसरों की भांति पीसीएस अफसरों के कामकाज का मूल्यांकन कराने का निर्णय किया है. पुरे इंतजाम ऑनलाइन तथा निर्धारित समय पर होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव पर सैद्धान्तिक अनुमति दे दी है. आईएएस अफसरों को हर साल निर्धारित समय सीमा के अंदर अपनी इनकम एवं प्रॉपर्टी का ई-ऑफिस पर ऑनलाइन ब्योरा देना होता है. उनके वार्षिक कामकाज के मूल्यांकन की गुप्त प्रविष्टि (एसीआर) भी ऑनलाइन दाखिल होती है. वही पीसीएस अफसरों के मामले में यह इंतजाम नहीं है. पीसीएस अधिकारीयों को जहां 5 साल में प्रॉपर्टी का ब्योरा देना होता है, वहीं वार्षिक प्रविष्टि देने की कार्यवाही भी मैनुअल ढंग से होती है. कई बार पदोन्नति के वक़्त यह जानकारी मिलती है कि अधिकारीयों का कई-कई साल का एसीआर पेंडिंग है. इससे अधिकारी के कामकाज के मूल्यांकन में मुश्किलें आती है. साथ ही यह भी नहीं पता चल पाता कि अधिकारी ने प्रवेश लेने के लिए कोशिश की अथवा नहीं या मूल्यांकनकर्ता अफसर ने ही प्रवेश देने में रुचि नहीं ली. साथ ही एसीआर के इंतजाम ऑनलाइन होने से पूरा कार्य साफ़ रहेगा. सूत्रों ने बताया कि सीएम ने पीसीएस अफसरों का एसीआर भी 'स्पैरो' की भांति ऑनलाइन कराने, निर्धारित समय सीमा में प्रविष्टि दिए जाने, तथा हर साल प्रॉपर्टी का ब्योरा देने के इंतजाम आरम्भ करने का निर्देश दिया है. इसके लिए अपॉइंटमेंट डिपार्टमेंट एनआईसी से समन्वय कर यह इंतजाम लागू करेगा. इसी के साथ कई बदलाव आ सकते है, तथा कार्यो में सरलता आएगी. गोरखपुर दौरे पर पहुंचे सीएम योगी, कहा- बीमारी का ये मतलब नहीं कि सब काम बंद कर दें असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत अस्पताल में हुए भर्ती तेलंगाना : वित्तमंत्री हरीश राव कोरोना वायरस की चपेट में आए