लिक्विड हैंडवाश को इस्तेमाल करना कितना सही है, क्या आप जानते हैं ?

आज के ज़माने में सब कुछ बदल चुका है. जमाने के अनुसार चीज़ों में बदलाव देखे जा रहे हैं. ऐसे में हमे अपनी सेहत का भी ख्याल रखना पड़ता है ताकि हम बीमार न पड़े. जी हाँ, बात करें हाथ धोने की तो इसका भी एक तरीका होता है. आजकल अधिकांश लोग हाथ धोने के लिए साबुन नहीं बल्कि लिक्विड हैंडवाश का इस्तेमाल कर रहे हैं. हाथों में मौजूद रोगाणुओं को पूरी तरह से खत्म करने के लिए क्या आप भी हैंड जेल या फिर लिक्विड सोप का इस्तेमाल करते हैं. अगर हां, तो थोड़ा सतर्क हो जाएं.

बता दें कि पूरी दुनिया में प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में लोग हाथ धोने के लिए लिक्विड हैंडवाश का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बता दें कि इसमें 60 फीसदी से ज्यादा अल्कोहल मौजूद होता है. अल्कोहल की यह प्रचुर मात्रा आपके हाथों के रोगाणुओं को एक झटके में खत्म कर देता है. इसके गलत परिणाम से आप अब तक अंजान हैं. 

आपको जानकारी के लिए बता दें कि लिक्विड हैंडवाश हर बार असरकारक नहीं होते, बतौर उदाहरण कुछ रोगाणुओं जैसे सी.डिफिसाइल और न्यूरोवायरस पर यह असरकारक नहीं होते हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि लिक्विड हैंडवाश की सफलता इस बात ज्यादा निर्भर करती है कि आपके हाथों में मिट्टी की मौजूदगी कितनी है.

लिक्विड हैंडवाश में मौजूद ट्राइकोल्सन से हॉर्मोन में गड़बड़ी पैदा होती है. इतना ही नहीं इससे शरीर में जीवाणु प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इस प्रकार यह कहना तनिक भी गलत नहीं होगा कि लिक्विड हैंडवाश की तुलना में साबुन से हाथ धोना ज्यादा बेहतर होगा.

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