नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत से बीजेपी की सरकार बनी है. पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ को चुना, उनके शपथ लेने के बाद राज्य में मीट कारोबार पर सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है. इस निर्णय के बाद मुख्यमंत्री का अगला निर्णय राज्य में शराबबंदी भी हो सकता है. इन कारणों पर चर्चा की जाए, आखिर शराब बंदी का निर्णय क्यों लिया जा सकता है. योगी ने आश्वासन दिया है कि वह राज्य को प्रधानमंत्री मोदी के सपनो का राज्य बना के रहेगे. इस स्थिति में गुजरात मॉडल की तर्ज पर शराब बंदी लागू की जा सकती है. शराबबंदी के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सार्वजनिक मंच से प्रशंसा की थी. बीजेपी का मानना है कि बिहार में जदयू और आरजेडी को मिली जीत के पीछे शराबबंदी का निर्णय अहम रहा है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ स्प्ष्ट कर चुके है कि उनका लक्ष्य 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को एक बार फिर बंपर जीत दिलाने का है. इसलिए शराबबंदी के फैसले से महिला वोटर्स के बीच साख मजबूत हो जाएगी. साथ ही शराबबंदी की घोषणा बीजेपी के हित में होने के साथ-साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के धार्मिक सिद्धांतों पर भी है. ये भी पढ़े अखिलेश सरकार की विरासत है ये शराब की बोतल - एस.पी. सिंह बघेल आर्मी के ट्रक से शराब तस्करी, देखकर चौंक गई पुलिस CM शिवराज ने कहा नर्मदा के 5 किमी के दायरे में नहीं होगी कोई शराब दुकान