पटना : यूं तो बिहार में शराब के विक्रय को प्रतिबंधित कर दिया गया है और बिहार में पूर्ण शराबबंदी का नियम लागू है मगर इसके बाद भी जब शराबबंदी के अभियान पर सवाल उठते हैं और इसे असफल बताया जा रहा है। इसके जवाब में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराब का सेवन करने वाले या फिर उसके अवैध कारोबार में लगे लोगों को वे छोड़ने वाले नहीं हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीने वाले ही शराबबंदी को लेकर हंगामा मचाते हैं। ये ऐसे लोग हैं जिनके घर तक शराब पहुंचती है। सीएम नीतीश कुमार राजधानी में एक निजी चिकित्सालय के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। नीतीश ने माना कि एक दरोगा ने शराब के चूहों द्वारा पीने का बयान दिया था। उनका कहना था कि थाने में रखी शराब को चूहों द्वारा पीने की जानकारी सामने आई थी। इस तरह के बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर देश और विदेश के विभिन्न स्थानों पर राज्य सरकार की जमकर आलोचना की गई। जब सोशल मीडिया में आलोचना हुई तो उन्होंने पुलिस को शराब के कारोबार में लगे लोगों पर कार्रवाई करने को कहा था। नीतीश कुमार का कहना था कि पुलिस जब शराब जब्त करेगी तो उसके पूर्व उसे कोर्ट के लिए सैंपल भी रखना होंगे। जो शराब जब्त हुई है उसे पुलिस तुरंत ही नष्ट कर दे। इसे रखा नहीं जा सकेगा। इस तरह से शराब का गलत उपयोग नहीं होगा। बिहार में शराब कंपनियों को मिली राहत, SC ने लगाई स्टाॅक अवधि को लेकर रोक बिहार में बिजली गिरने से 23 की मौत, आंधी से ढही दीवार अपनी ही सरकार के खिलाफ बैठे विधायक