पटना: बिहार में शराबबंदी को लेकर महागठबंधन सरकार में सम्मिलित दलों के नेताओं की अलग-अलग राय हैं। सरकार में सम्मिलित होने से पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कई बार शराबबंदी पर प्रश्नचिन्ह लगा चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी एवं उपेंद्र कुशवाहा ने भी शराबबंदी पर नीतीश को घेरा है। शराबबंदी पर अब ताजा बयान राजद एमएलसी रामबली चंद्रवंशी का आया है। उन्होंने शराबबंदी से होने वाली मौतों एवं शराबबंदी के सवाल का ठीकरा जनता पर भी फोड़ा है। रामबली ने कुढ़नी में चुनाव प्रचार से लौटते वक़्त बोला कि बिहार के लोग शराबबंदी के लिए अभी तैयार नहीं हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने यह कहकर हैरान कर दिया कि बिहार में शराब भगवान की भांति है, दिखता कहीं नहीं, मिलता सब जगह है। इसके साथ ही वैशाली जिले में जहरीली शराब से 3 व्यक्तियों की मौत के सवाल पर चंद्रवंशी ने कह दिया की मरना जीना चलता रहता है। हालांकि बाद में शराबबंदी पर उन्होंने सधा हुआ जवाब दिया कि बिहार में शराबबंदी या शराब मुद्दा है ही नहीं। मुद्दा तो कड़वे तेल की कीमत है हुजूर, आपकी सरकार के मुखिया शराबबंदी को नाक का मुद्दा बनाये बैठे हैं। इससे पहले बिहार के पूर्व सीएम एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में कम मात्रा में शराब का सेवन करने वालों को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए। मांझी ने कहा कि शराबबंदी अच्छी बात है, मगर बिहार में दिक्कतें इसके क्रियान्वयन में है जहां बहुत गड़बड़ियां हैं, जिसकी वजह से शराब तस्करों को पकड़ा नहीं जा रहा है। सिर्फ 250 ग्राम शराब का सेवन करने वाले निर्धन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। आज शराब पीने के आरोप में जेल में बंद तकरीबन 70 प्रतिशत लोगों ने सिर्फ 250 ग्राम शराब का सेवन किया है जो कम मात्रा में शराब पीते हुए पकड़े जाते हैं उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। इतिहास में पहली बार नौसेना में शामिल होंगी 341 महिला नाविक, तैयार हुआ 3000 अग्निवीरों का पहला बैच टीम इंडिया का बंगलादेश दौरा आज से शुरू, 11:30 बजे से शुरू होगा पहला ODI शीतकालीन सत्र: संसद में EWS आरक्षण पर केंद्र को घेरेगी कांग्रेस, बैठक में बनी रणनीति