नई दिल्ली। संसद में आज से बजट सत्र प्रारंभ हो गया। इस दौरान महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण हुआ। इस अभिभाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्योें का उल्लेख किया और देश में विभिन्न योजनाओं के तहत किए जाने वाले प्रावधान का उल्लेख किया। इस अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वेक्षण रिपोर्ट को भविष्य की झलक के तौर पर देखा जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के कारण यह सर्वेक्षण बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। सर्वेक्षण के पेश होने के बाद प्रमुख आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम द्वारा यह कहा गया कि अर्थव्यवस्था के मेक्रोइकोनाॅमिक इंडिकेटर काफी दृढ़ हैं। मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि वर्ष 2016 व वर्ष 2017 में सर्विस इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट 8.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद दर्शाई गई हैै। हालात ये हैं कि नोटबंदी के कारण बाजार में ब्याज दर कम हो गई। वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.5 प्रतिशत तक करने का प्रयास किया गया। वर्ष 2017 से 2018 में जीडीपी की विकास दर 6.5 से 7.5 प्रतिशत तक रही। इतना ही नहीं कृषि क्षेत्र की विकास दर अनुमानित तौर पर 4.1 प्रतिशत तक रह सकती हैै। मिली जानकारी के अनुसार चमड़ा उद्योग और वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए श्रम नीति और कराधार में सुधार की सिफारिश की बात आर्थिक सर्वेक्षण में कही गई। वित्तमंत्री ने कहा कि इस पर ध्यान देकर हम इस क्षेत्र को आगे बढ़ा सकते हैं। वर्ष 1983 से 2014 में ग्राॅस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट में सुधार की बात भी उन्होंने कही। वित्तमंत्री ने कहा कि चालू वर्ष 2016 से 2017 के लिए स्थिर मूल्यों पर जीडीपी की दर को 7.1 प्रतिशत तक रखा गया था। राष्ट्रपति के संबोधन के बाद शुरू होगा बजट सत्र, नोटबंदी को लेकर विपक्ष करेगा घेराबंदी देश का बजट, जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें क्यों ख़ास है कल पेश होने वाला बजट, हो सकती है ये 10 अहम घोषणाएं