इस अस्पताल में जमा कचरे से परेशान हैं लोग, 10 दिन से आ रही है असहनीय बदबू

हैदराबाद: तेलंगाना में कोरोना का असर बहुत तेजी से देखने के लिए मिल रहा है. यहाँ कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों पर काम का दबाव भी बहुत अधिक हो गया है. ऐसे में यहाँ डॉक्टरों, नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मियों को वायरस से खुद को बचाने के लिए मास्क, दस्ताने और पीपीई किट पहनने पड़ रहे हैं. इसी क्रम में अस्पतालों से भारी मात्रा में जैव अपशिष्ट जमा हो रहा है जो अस्पताल के पास रहने वालों के लिए मुसीबत बन चुका है. जी दरअसल यहाँ के गांधी अस्पताल के आसपास के क्षेत्र के लोग इस अपशिष्ट से बहुत परेशान हो गए हैं. मिली जानकारी के मुताबिक हैदराबाद के गांधी अस्पताल बड़ी मात्रा में जैव-अपशिष्ट जमा हो रहा है जो लोगों के लिए खतरा बन रहा है.

जी दरअसल बहुत दिनों से यहाँ जमा हो रहे कचरे से बहुत अधिक और तेज मात्रा में बदबू आ रही है जिसकी वजह से आसपास के इलाके के लोग खासे परेशान हैं और वे इस दुर्गंध को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन हर दो दिनों में बायोमेडिकल कचरा हटाते हैं लेकिन गांधी अस्पताल में बीते दस दिनों से कचरा वहीँ का वहीँ है. उसे हटाया नहीं जा सका है इसी के कारण कचरे ने अस्पताल परिसर में पहाड़ का अवतार ले लिया है. वहीँ यह पहाड़ इस समय इलाके के लोगों की परेशानी का कारण बन गया है. मिली जानकारी के मुताबिक पद्माराव नगर की संगीता सुदर्शन ने इस बारे में बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि 'अस्पताल परिसर में कचरे का ढेर है और इसे न हटाने से इलाके के लोग परेशान हैं.'

इसके अलावा उन्होंने कहा 'स्थानीय लोग बायो मेडिकल कचरे के साथ-साथ गांधी अस्पताल में बड़ी संख्या में लाशों के होने से भी चिंतित हैं. इस अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं, लेकिन कोरोना का डर व अन्य कारणों से अस्पताल के मुर्दाघर की जितनी क्षमता है उससे अधिक लाशें यहां रखी जा रही है और इस बात से भी आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोग चिंतित हैं.'

तेलंगाना के इस जिले में है सबसे ज्यादा कंटेन्मेंट जोन

तेलंगाना में शुरू हुए मोबाइल कोविड-19 परीक्षण केंद्र, जानिए खासियत

आंध्र प्रदेश में जारी हुआ MLC चुनाव के लिए शेड्यूल, अगस्त की इस तारीख को होंगे चुनाव

Related News