शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवे गौड़ा ने दावा किया कि लॉकडाउन का फैसला बिना सोचे समझे जल्दबाजी में लिया गया है. जिसकी वजह से किसान और बाकी श्रमिक लोग प्रभावित हो रहे हैं. ये फैसला लेने से पहले राज्य सरकार को अनुभवियों, नागरिक, अधिकारी, प्रगतिशील किसान, किसान संगठन और थोक व्यापारियों से सलाह लेनी चाहिए थी. देवे गौड़ा ने राज्य के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में आगे कहा कि राज्य की 61 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर. मध्य प्रदेश में कोरोना से हाहाकार, बिना स्वास्थ्य और गृहमंत्री के 'शिवराज' की सरकार आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बिना सोचे समझे और बिना किसी तैयारी के लिए गए निर्णय का खामियाजा देश और राज्य के किसान झेल रहे हैं. देवे गौड़ा ने ये पत्र गुरुवार 9 अप्रैल को लिखा था. जद (एस) के संरक्षक ने कुछ उपाय करने का सुझाव देते हुए कहा कि कृषि जैसे गतिविधियों पर किसी तरह की कोई रोक नहीं होनी चाहिए. आराम से उचित मूल्य पर बागवानी उपज की खरीद होनी चाहिए. कोरोना से पाक के हाल बेहाल, संक्रमितों की संख्या में हुई खौफनाक बढ़ोतरी अपने बयान में आगे रविवार को गौड़ा ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया है कोरोना के खिलाफ देश की इस लड़ाई में वह उनके साथ हैं. मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में गौड़ा ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है इसने हमारे किसानों को निराशा में डाल दिया और उनके जीवन को जला दिया आग. यह लॉकडाउन जल्दबाजी में लिए गए निर्णय की तरह दिखता है हमारे किसानों खेतिहर मजदूर, और दिहाड़ी मजदूरों के लिए उचित सोच और विचार के बिना किया गया फैसला है. लॉकडाउन: गरीबों के लिए सीएम योगी ने फिर खोला खज़ाना, एक क्लिक में ट्रांसफर किए इतने करोड़ रुपए इस देश ने कोरोना पर लगाई लगाम, 39 साल की पीएम ने किया शानदार काम सऊदी के शाही परिवार पर 'कोरोना' का हमला, आइसोलेशन में गए किंग सलमान