हाई अलर्ट के बाद टिड्डी दल राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र में प्रवेश कर गए हैं. इस बार इनका आकार बड़ा भी है. लॉकडाउन के चलते पूरी तरह से रोकथाम नहीं हो पाने से इनका मूवमेंट भी बढ़ा है. यही वजह है कि खतरे को भांपते हुए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा ने अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही इनके निस्तारण के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उप्र में टिड्डियों को भगाने के बजाय नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि यदि मानसून से पहले इनको खत्‍म नहीं किया गया तो भविष्‍य के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा. चारधाम परियोजना में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया ऑनलाइन निरीक्षण आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मध्‍य प्रदेश के जिलों में नियंत्रण के लिए कीटनाशक का छिड़काव लगातार किया जा रहा है. इस कार्रवाई में बचे हुए टिड्डियों के झुंड सीधी-सिंगरौली होते हुए उत्तर प्रदेश और बैतूल के रास्ते महाराष्ट्र प्रवेश कर गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून के आते-आते टिड्डी पर पूरी तरह नियंत्रण हो जाएगा. मध्‍य प्रदेश के 30 से ज्यादा जिले टिड्डियों से प्रभावित हैं. मंदसौर और नीमच के रास्ते मध्य प्रदेश में आए टिड्डी दल पर केंद्र और राज्य सरकार की टीमें लगातार नजर रख रही हैं. ईमानदारी और मेहनत से प्रभावशाली भारतीय बने रक्षा सचिव डॉ.अजय कुमार बुधवार को हवा के बदली दिशा के बावजूद भी कई छोटे टिड्डी दल झांसी की ओर उड़ते देख गए. एक छोटा दल सोनभद्र तक पहुंच गया. उत्तर प्रदेश राज्य कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार झांसी जिले की मोठ व गरौठा तहसील क्षेत्र में टिड्डियों ने हमला किया परंतु संख्या अधिक न होने के कारण फसलों को कम नुकसान हो पाया. नियंत्रण टीमों ने ग्रामीणों के सहयोग से टिड्डियों को भगा दिया. हिमाचल प्रदेश में बड़ा PPE किट घोटाला, भाजपा अध्यक्ष का इस्तीफा, स्वास्थय निदेशक गिरफ्तार ट्रक में सवार होकर चीन सैनिकों ने भारतीय सीमा पर बढ़ाई संख्या आदिवासियों को उद्यमी बनाने का जज्बा लेकर काम कर रहे हैं प्रवीर कृष्ण