नई दिल्ली : नीति आयोग का सुझाव है कि 2024 से एकसाथ और दो चरणों में लोकसभा और विधान सभा चुनाव होना चाहिए. साथ ही यह भी कहा कि चुनावों को लेकर कम से कम अभियान चलाया जाना चाहिए, ताकि सरकारी काम में परेशानी न हो. चुनाव के इस कार्य को ठीक करने में कुछ विधान सभाओं का कार्यकाल बढ़ सकता है. इस बारे में नीति आयोग का कहना है कि अगर सुझावों पर अमल किया जाता है तो इसमें अधिकतम एक बार की काट-छांट करनी पड़ेगी या फिर कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाना पड़ सकता है. नीति आयोग के इन सुझावों के देखते हुए चुनाव आयोग ने देश में एक साथ चुनाव का रोडमैप बनाने के लिए एक कार्यकारी समूह बनाया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट 6 महीने में आ जाएगी और अगले साल मार्च तक अंतिम रूप से ब्लूप्रिंट तैयार हो जाएगा. इसमें 2017-18 और 2018-20 तक 3 साल का एजेंडा तैयार किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि 23 अप्रैल को दिल्ली में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में इसके ड्राफ्ट रिपोर्ट को पेश किया गया था. बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी समेत राज्यों के सीएम शामिल हुए थे. स्मरण रहे कि इस साल फरवरी में मोदी ने भी दोनों चुनाव एकसाथ कराने की वकालत की थी. पीएम ने कहा था 2009 के लोकसभा चुनाव में 1100 करोड़ और 2014 में 4000 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए थे. चुनाव में करोड़ों सरकारी कर्मचारी भी लगते हैं, इससे काम पर असर पड़ता है. यह भी देखें वर्ष 2032 तक मिले सभी को घर, गाड़ी और एसी नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक सम्पन्न, वित्त वर्ष बदलने सहित कई विषयों पर हुई चर्चा