प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन की किताब 'मातोश्री' का विमोचन किया. विमोचन के बाद पुस्तकालय भवन में ही बालयोगी ऑडोटोरियम में किताब पर आधारित एक नाटक का भी मंचन किया गया. जिसमें प्रधानमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्री, सांसद तथा अन्य आमंत्रित गणमान्य लोग मौजूद थे. गौरतलब है कि यह 'मातोश्री 'पुस्‍तक अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और उनके कार्यकाल पर प्रकाश डालती है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन अहिल्या बाई को अपना आदर्श मानती हैं. सुमित्रा महाजन द्वारा लिखित नाटक 'मातोश्री' में रानी अहिल्या बाई होल्कर के जीवन की 15 महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाया गया है. बता दें कि अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक चले अपने शासन काल में अपने साम्राज्य को मालवा क्षेत्र तक फैलाया था. बता दें कि अहिल्‍या बाई एक बहुत ही सफल शासक रहीं और वे अपने जीवनकाल में महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहीं. अहिल्या बाई होल्कर एक शांतिपूर्ण शासक के रूप में प्रसिद्ध रहीं. उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि 13 अगस्त 1795 में उनकी मृत्यु के बाद उन्‍हें संत का दर्जा दिया गया. उनकी कर्मस्थली इंदौर में उनका आज भी श्रद्धा से स्मरण किया जाता है. यह भी देखें सुमित्रा ताई : सांसद से स्पीकर बनने तक का सफर सुमित्रा महाजन ने गिफ्ट की सांसदों को फुटबॉल