हिन्दू धर्म में जब भी कोई व्यक्ति किसी नये काम की शुरूआत करता है, तो सबसे पहले वह भगवान श्री गणेश का नाम लेता है। माना जाता है कि भगवान गणेश का नाम लेने से प्रारंभ किये गये काम में कभी भी कोई विघ्न नहीं आता। इसके अलावा अगर भगवान गणेश के मंदिर की बात की जाए तो देश में वैसे तो काफी सारे गणेश मंदिर हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में भगवान गणेश का भव्य मंदिर स्थापित है। जहां पर रोजाना भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है। खजराना के गणेश मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। यह मंदिर आज भी लोगो की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इसके अलावा यहां पर और भी कई मंदिर हैं। जो कि आस्था का केन्द्र माने जात हैं। शनि और सांई का भी स्थान- गणेश जी के अतिरिक्त यहां पर शनि देव और साई नाथ का भी भव्य मंदिर विराजमान है। यही कारण है इस स्थान पर आने वाले इतने सारे देवताओं के बीच अपने को देवलोक में भ्रमण करता हुआ अनुभव करते हैं। मंदिर की सारी व्यवस्था बहुत ही उत्तम कोटि की है। इस मंदिर में 10,000 से अधिक लोग प्रति दिन दर्शन करते है। मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अतिरिक्त 33 अन्य छोटे-बड़े मंदिर हैं। कलश से हुए प्रकट- इस मंदिर के बारे में एक कथा काफी प्रचलित है, कि सन 1735 के करीब पंडित मंगल भट्ट के स्वप्न में गणेश जी आए थे, और उन्होंने इस स्थान से प्रकट होकर जनता का उद्धार करने की बात कही थी। इसके बाद एक कलश में श्री गणेश प्रकट हुए और उनका मंदिर पूर्ण विधिविधान से स्थापित किया गया। तब से यहां देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालुजन अपना शीर्ष नवाने आते रहे हैं। मनोकामना पूरा करने वाला मंदिर- इस मंदिर के बारे में प्रसिद्ध है, कि यहां हर किसी की मुराद पूरी होती है। यहां जो भी भक्त अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिये गणेश जी के पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाता है, गणपति जी उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात पुनः सीधा स्वास्तिक बनाने भक्त यहां आते हैं। इसी तरह मुराद मन में रखकर यहां धागा बांधने की भी परंपरा है। इच्छा पूर्ण होने पर वह धागा खोल दिया जाता है। इस मंत्र से करें गणेश जी की आराधना बन जायेंगे बिगड़े काम बेटी को उपहार के रूप में भूलकर भी ना दें गणेश जी की मूर्ति बुधवार के दिन किया गया ये काम बुध गृह को शांत करता है यह वही मंदिर है जहाँ दीवार से प्रकट हुए भगवान गणेश