भगवन केदारनाथ के पांच रूपों में से एक भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह भोग मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाकर सभामण्डप में विराजमान करने के साथ ही पूजा अर्चन और भोग विधि का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम शुक्रवार को किया गया जिससे कि शनिवार सुबह 7 बजे भगवान की चलविग्रह उत्सव डोली मद्महेश्वर धाम के लिए प्रस्थान करेगी.ओंकारेश्वर मन्दिर में पौराणिक रीति रिवाजों के अनुसार ऊखीमठ के ग्रामीणों द्वारा भगवान को नए अनाज से निर्मित भोग को चढ़ाया जायेगा. भगवान की आराधना के लिए परम्परानुसार सुबह करीब 6 बजे मुख्य पुजारी ने भगवान का महाभिषेक तथा पूजन कर श्रृंगार किया.इसके बाद पूजन व दान संस्कार को सम्पन्न किया गया साथ ही भगवान की भोग मूर्ति को सुबह आठ बजे गर्भगृह से बाहर लाकर सभामण्डप में विराजमान किया गया. मुख्य पुजारी द्वारा भगवान की आरती कर भोग लगाया गया और भक्तो को दर्शन के लिए एक दिन तक विराजमान रहेंगे. इस कार्यक्रम में विशेषकर मन्दिर परिसर में भगवान को नए गेहूं के आटे से निर्मित पूरी व मीठे पकोड़ों का भोग बनाया जाता है और इसका भोग लगाकर प्रसाद के रूप मे भक्तों को बांटा जाता है. इस अवसर पर राजकुमार नौटियाल, आचार्य विश्वमोहन जमलोकी,बचन सिंह रावत,रणबीर सिंह,वीर सिंह,लक्ष्मी प्रसाद,प्रेम सिंह,मृतुन्जय हीरेमठ,मोहन सिंह,अनिल कुंवर,नवीन शैव आदि भी शामिल थे. उत्तराखंड में शुरू हुई नई पहल,भीख मांगना छोड़ा उत्तर भारत में खतरा टला नहीं है- मौसम विज्ञान 4 करोड़ की फ्लोटिंग मरीना बोट में कैबिनेट मीटिंग, टिहरी झील की विशेष सजावट आठ रिक्टर स्केल से अधिक क्षमता के भूकंप की आशंका